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- 1 Istikhara ki Dua, Namaaz aur Istikhara Karne ka Tarika
Istikhara ki Dua, Namaaz aur Istikhara Karne ka Tarika
हर इंसान की ज़िन्दगी में ऐसा दौर ज़रूर आता है जब वो थोड़ा कंफ्यूज हो जाता है कि कौनसा रास्ता चुने | फिर चाहे यह शादी को लेकर हो या किसी कारोबार को शुरू करने के लिए हमारे जहन में दुविधा हो तो हम फैसला लेने की स्थिति में नहीं होते हैं, ऐसे में इस्तखरा कर लेना बहुत फायदेमंद होता हैं। नबीये करीम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इस्तिखारे के रूप में एक बहुत ही नायाब तरीका बताया है जिसकी मदद लेकर हम अल्लाह से मशवरा कर सकते हैं , अल्लाह की राय ले सकते हैं। । अगर आपको अरबी पढ़ने में problem होती है तो आप नीचे दी गयी istikhara ki dua in English and istikhara ki dua hindi mein में भी पढ़ सकते हैं।
हर बंदे को चाहिए की इस्तिखारा की दुआ ( Istikhara Ki Dua ) अच्छे तौर पर याद कर ले और अगर शुरू शुरू में आपको याद ना हो तो आप इसे देखकर भी पढ़ सकते हैं कोई भी दुआ या क़ुरआनी आयत अरबी भाषा में पढ़ना अफ़ज़ल माना जाता है , तो अगर आपको अरबी आती है तो आप कोशिश करें की Arbi language में ही पढ़ें।लेकिन जिन को नहीं आती तो उन्हें समझाने के लिए लिहाज से हिंदी अल्फाज में बताया गया है। जिनको अरबी पढ़ना नहीं आता वह Istikhara ki dua hindi में पढ़ सकते हैं ।
वही हमारी बहनों की सहूलियत के वास्ते आपको बता दे कि अगर वो नमाज पढ़ने की स्थिति में नहीं है,तो वो केवल सिर्फ दुआ ( Istikhara Ki Dua) भी पढ़ सकती है
Istikhara ki Dua Hindi Mein
इस्तिखारा की दुआ पढ़ने से पहले कुछ अहम बातें आपको पता होनी चाहिए
इस्तिखारा की दुआ पढ़ने से पहले और पढ़ने के बाद आपको 3×3 मर्तबा दरूद शरीफ पढ़ना अनिवार्य है।
अल्लाहुम्मा इन्नी अस्ताखीरुका बी – इलमीका व असतक्दीरुका बी – क़ुदरतिका व अस अलुका मीन फ़ज़्लिका अल – अज़ीम फ – इन्नका तक़्दीरु वाला अक़्दीरु व ता – लामु वाला अ लामु व अंता अल्लामु – ल – घुयुब . अल्लाहुम्मा इन कुंता ता – लम अन्ना हाज़ा – ल अमरा खैरुन ली फि दिनी व – माँ अशी व – आक़िबति अमरि फ़क़दिरहु ली व यस्सीरहु सुम्मा बारीक ली फिहि व इन कुंता ता – लामु अन्ना हु शर – रुन फि दिनी व-माँ अशी व-आक़िबति अमरि अस्रीफहु अन्नी वास्-रिफ़नी अन्हु – वाक्दिर ली अल-खैरा हैसु का -न सुम्मा अररिज़ज़नी बिहि
- जो बंदा हाज़ल अम्र पर पर पहुंचे तो उस काम का जिक्र निश्चित रूप से करे जिस काम के वास्ते वो इस्तिखारा कर रहे है इसके आगे की दुआ पढ़े।
- इस्तिखारा की दुआ में आप व मा-अशी की बजाय व दुन्या भी पढ़ सकते है।
तर्जुमा- Istikhara Ki Dua Hindi Tarjuma
अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत मेहरबान रहमवाला है
हेे अल्लाह, मैं आपके बेइंतिहा, इल्म के जरिए बेहतरी माँगता हूं, और मैं आपसे आपकी कुदरत के जरिए से ताकत माँगता हूं, और मैं आपका असीम फज़्लो करम माँगता हूं। क्योंकि आप पूरी तरह काबील हैं, जबकि मैं नहीं।
आप सबकुछ जानते हैं, और मैं नहीं, और आप सब कुछ जानते हैं जो अनदेखी है। हे अल्लाह, अगर आप जानते हैं कि यह फेसला ( फैसले का इजहार करें), मेरे मजहब, मेरी दूनिया और
आखिरत के नतीजे के लिए अच्छा है, तो इसे पूरा करें, इसे मेरे लिए आसान करें और मेरा इसके जरिए भला करें। लेकिन अगर आप जानते हैं कि मेरे मजहब, मेरी दूनिया और आखिरत के नतीजे पर इसका बुरा असर है, तो इस फैसले को मूझसे फिरा दीजिये और मुझे इससे दूर कर दीजिये, और इसके बजाय, मूझे कूछ बेहतर दीजिये, वो चाहे जो भी हो, उसके जरिए मूझे इत्मीनान दीजिये
इस्तिखारा की दुआ इंग्लिश में (Istikhara ki Dua Roman English)
Allaahumma ‘innee ‘astakheeruka bi’ilmika, wa ‘astaqdiruka biqudratika, wa ‘as’aluka min fajhilikal-‘Adheemi, fa’innaka taqdiru wa laa ‘aqdiru, wa ta’lamu, wa laa ‘a’lamu, wa ‘Anta ‘Allaamul-Ghuyoob, Allaahumma ‘in kunta ta’lamu ‘anna haazal-‘amra Khayrun lee fee deenee wa ma’aashee wa ‘aaqibati ‘amree Faqdurhu lee wa yassirhu lee summa baarik lee feehi, wa ‘in kunta ta’lamu ‘anna haazal-‘amra sharrun lee fee deenee wa ma’aashee wa ‘aaqibati ‘amree, Fasrifhu ‘annee wasrifnee ‘anhu waqdur liyal-khayra haythu kaana thumma ‘ardhinee bihi.
इस्तिखारा की दुआ Arbi में (Istikhara ki Dua in Arabic)
इस्तिखारा करने का सही तरीका – Istikhara ki Namaz ka Tarikh
जब किसी भी बंदे को कोई जरूरी मुद्दे पर किसी की राय चाहिए होती है तो वो किसी और से न लेकर अल्लाह से फैसले को लेने के उद्देश से इस्तिखारा करता है ।
नमाज़ के जैसे पूरी वज़ू करे
फर्ज नमाज़ के अलावा मुसलमान भाइयों को 2 रकअत की नमाज़ अदा करे।
नमाज़ पढ़ने के ठीक बाद आपको इस्तिखारा की दुआ पढ़ना चाहिए
Istikhara Ki Dua से जुड़े सवाल जवाब
Q) अगर मैंने कोई फैसला इस्तिखारा करने के बाद भी सूझ न रहा हो तो ऐसे में क्या करे
जो ऐसे में बंदे को समझ लेना चाहिए कि अल्लाह ने जानबूझ कर उसके दिल में उसका जवाब बताया नही।इसका ये मतलब नही की आगे से आप इस्तिखारा ना करे
Q) यदि मुझे छोड़कर किसी दूसरे पर भी इसका प्रभाव हो तो क्या करे ?
ऐसे में सभी को खुद से इस्तिखारा करना चाहिए
Q) क्या मैं इस्तिखारा पढ़ सकता हूं अगर मुझे पहले से ही अपनी किए गए फैसले पर यकीन हो। ?
हां ऐसा करने से आपके काम में बरकत नसीब होगी | आपको मालूम होगा कि सहाबाए इकराम रोज मऱा की जिंदगी मे इस्तिखारा करने के आदि थे।
Q) क्या कोई मुसलमान भाई ये दुआ बिना २ रकात नमाज़ के पढ़ सकते है। ?
हां बेशक केवल दुआ पढ़ना काफी है रसूल सल्लाह अल्यही वस्सलम के बताए गए रास्ते के अनुसार नमाज तो पढ़नी ही चाहिए लेकिन अगर आप चाहे तो केवल दुआ भी पढ़ सकते है।
इस तरह से मुसलमान भाइयों को आज के ब्लॉग के जरिए Istikhara Ki Dua hindi and English Mein के बारे में बेहद अहम जानकारी मुहैया कराई गई।जैसे की Istikhara Ki Dua का इस्लाम धर्म में क्या महत्व है ? कैसे और क्यों पढ़ी जाती है।Istikhara से जुड़ी सभी जानकारी बेहद सटीक शब्दो में मुहैया कराई गई उम्मीद करते है की आपको हमारा आज का ब्लॉग पसंद आया होगा अगर आप के जेहन में इससे जुड़ा कोई प्रश्न है तो बेशक आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते है।
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