यह तो हम सभी जानते है की इस्लाम धर्म को मानने वाले सभी भाई और बहनो को नमाज जरूर पढ़नी चाहिए, नमाज के बीच में अत्तहिय्यात भी आती है जिसे सभी को पढ़ना चाहिए| अगर आपको अत्तहिय्यात के बार में जानकारी नहीं है या जानकारी आधी अधूरी है और आप अत्तहिय्यात के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो आज हम अपने इस पेज आपकी परेशानी का हल लेकर आए है| आज हम अपने इस पेज में आपको attahiyat in hindi aur attahiyat dua in hindi के बारे में ज्यादा ज्यादा जानकारी बता रहे है| हालाँकि अधिकतर इंसानो को अत्तहिय्यात के बारे में मालूम होता है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते है जिन्हे अत्तहिय्यात के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता है|
जिन इंसानो को अत्तहिय्यात के बारे में पता नहीं होता है वो अत्तहिय्यात के बारे में जानने के लिए मौलवियो के पास जाते है या फिर इंटरनेट का सहारा लेते है| इंटरनेट पर आपको आपकी हर परेशानी का समाधान आसानी से मिल जाता है, ऐसे इंसान इंटरनेट पर अत्तहिय्यात इन हिंदी, अत्तहिय्यात कया है, अत्तहिय्यात के बारे में बताओ, अत्तहिय्यात की दुआ कया है इत्यादि लिखकर सर्च करता है| चलिए अब हम आपको अत्तहिय्यात (attahiyat surah in hindi) के बार में बताते है दरसल पाँचो नमाज़ो में तशह्हुद में पढ़ी जाती है, यह तो आप जानते ही है की नमाज 2 रकाअत और 4 रकाअत में पढ़ी जाती है और दोनों नमाजो के बीच में अत्तहिय्यात पढ़ी जाती है| अर्थात जब हम 2 रकाअत वाली नमाज पढ़ते है तो पहली रकाअत के बाद अत्तहिय्यात पढ़ी जाती है और जब हम 4 रकाअत वाली नमाज़ पढ़ते है तो 2 रकाअत के बाद हम पहले अत्तहिय्यात ( attahiyat ) पढ़ते है उसके बाद तीसरी रकाअत के लिए खड़े होते है फिर चौथी रकाअत में अत्तहिय्यात पढ़ते है और उसके बाद Darood Shareef और फिर दुआ ए मासुरा पढ़कर सलाम फेरते है| चलिए अब हम सबसे पहले आपको अत्तहिय्यात के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है सबसे पहले हम आपको बताते है की अत्तहिय्यात कया होती है?
Contents
अत्तहिय्यत क्या है ? – What is Attahiyat
अत्तहिय्यात के दो मतलब बताए जाते है कुछ मुस्लिम मौलवियो का मानना है की अत्तहिय्यात का मतलब गुफ्तगू होता है और कुछ मुस्लिम मौलवियो का मानना है अत्तहिय्यात एक दुआ होती है जिसे नमाज के बीच में पढ़ा जाता है| अगर 2 रकाअत की नमाज पढ़ रहे है तो उसमे अत्तहिय्यात एक बार पढ़ी जाती है और अगर आप 4 रकाअत की नमाज पढ़ रहे है तो इसमें दो बार अत्तहिय्यात पढ़ी जाती है, 4 रकाअत की नमाज में दूसरे और तीसरे रकाअत के बाद अत्तहिय्यात पढ़ी जाती है| जिस तरह प्रत्येक मुसलमान के लिए नमाज अदा करना जरुरी है उसी तरह नमाज के बीच में अत्तहिय्यात पढ़ना भी बेहद जरुरी है| अगर कोई भी मुसलमान नमाज के बीच में पढ़ी जाने वाली अत्तहिय्यात (attahiyat in hindi) को जानबूझकर छोड़ देता है तो उसकी नमाज मानी नहीं जाती है, इसीलिए अत्तहिय्यात को पढ़ना जरुरी है| अगर आपके आस पास में कोई शख्स ऐसा है जो नमाज के बीच में पड़े जानी वाली अत्तहिय्यात को जानबूझकर नहीं पढ़ता है तो यह आपका फर्ज है की आप उसे अत्तहिय्यात की अहमियत के बारे में बताएं|
अत्तहिय्यात- Attahiyat Dua in hindi
*अत्तहियातु लिल्लाहि वस्सलावातु वत्तैयिबातु अस्सलामु अलैका अय्युहन नबिय्यु व रहमतुल्लाही व बरकातुहू अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहिस्सालिहीन*
अशहदु अल्ला इलाहा इल्ललाहु व अशहदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू व रसूलुहु *
Attahiyat नमाज में कब पढ़ी जाती है ?
यह तो आप अब समझ गए होंगे की अत्तहिय्यात पढ़ना कितना जरुरी है, अगर आप 2 रकाअत वाली नमाज़ पढ़ रहे है तो दूसरी रकाअत का सजदा करने के फौरन बाद पढ़ी जाती है अर्थात दूसरी रकाअत पढ़ने के बाद बिना देरी किया या तुरंत अत्तहिय्यात को पढ़ें, अत्तहिय्यात (attahiyat dua in hindi) पढ़ने के बाद दुरूद शरीफ और दुआय मसूरह पढ़ते हैं फिर सलाम फेरा जाता है| यह तो हम सभी जानते ही है की 4 रकाअत वाली नमाज में फर्ज या सुन्नत 2 बार पढ़ी जाती है, 4 रकाअत की नमाज में पहली अत्तहिय्यात दूसरी रकाअत के बाद पढ़ी जाती है जिसे कदा उला कहा जाता है, दूसरी अत्तहिय्यात को चौथी रकाअत में पढ़ते है जिसे कदा अखीरा के नाम से पुकारा जाता है|
Attahiyat पढ़ते समय किया जाने वाला खास काम
नमाज के बीच में पढ़ी जाने अत्तहिय्यात में कुछ बातो का खास ख्याल रखना चाहिए जब भी आप अत्तहिय्यात पड़ते है तो अत्तहिय्यात (attahiyat in hindi) पढ़ते पढ़ते जब आप अशहदु अल्ला इलाहा पर पहुँच जाते है तो आपको अपनी शहादत की ऊँगली को ऊपर उठाते हैं और जब आप इल्ललाहु पर पहुँचते है तो ऊँगली नीचे कर लेनी चाहिए| शहादत की ऊँगली ऊपर नीचे करने का मतलब हम आपको बताते है दरसल ला इलाहा का मतलब होता है की इस कायनात में कोई और इबादत के लायक नहीं है तो उस समय शहादत की ऊँगली उठाकर हम इशारा करते है की दुनिया में केवल अल्लाह ही इबादत के लायक है| और इल्लल लहू का मतलब होता है की जब अल्लाह का संसार आ गया है तो अब हमे ऊँगली खड़ा करने की जरुरत नहीं होती है इसीलिए उस समय हम अपनी शहादत की ऊँगली को नीचे कर लेते है|
अगर किसी को अत्तहिय्यात याद ना हो तो वो कया करें ?
नमाज के बीच में अत्तहिय्यात का पढ़ना वाजिद और जरुरी होता है, लेकिन अगर किसी भी शख्स को अत्तहिय्यात याद नहीं है तो उसे अत्तहिय्यात को जल्द से जल्द याद करने की कोशिश करनी चाहिए| जब तक आपको नमाज के बीच पढ़ी जाने वाली अत्तहिय्यात याद नहीं होती है तब तक आप नमाज के बीच में सुभानअल्लाह, अल्हम्दुलिल्लाह, अल्लाहु अकबर इत्यादि पढ़ते रहे और खुदा से अपनी इस गलती या गुनाह के लिए तौबा इस्तिग़फार करते रहना चाहिए| अत्तहिय्यात को जितनी जल्दी याद कर लेंगे उतना बेहतर होगा क्योंकि जब तक आप नमाज के बीच में पढ़ी जाने वाली अत्तहिय्यात (attahiyat in hindi) नहीं पढ़ते है तब तक आपकी नमाज पूरी नहीं मानी जाती है|
नमाज़ में अत्तहिय्यात पढ़ने का सही तरीका
नमाज पढ़ने वाले सभी मुस्लिम भाई बहनो को अत्तहिय्यात पढ़ने का सही तरीका मालुम होना भी बहुत जरुरी है| चलिए अब हम आप अत्तहिय्यात पढ़ने के तरीके के बारे में बताते है| नमाज पढ़ते समय जब आप तशह्हुद में कलिमा ला पर पहुंचे तब अपने दाहिने हाथ की बीच की उंगली अर्थात सीधे हाथ की सबसे बड़ी वाली ऊँगली (बीच वाली ऊँगली) और अंगूठे का हल्क़ा बना लें, फिर लफ्ज ला पर कलिमे की उंगली ऊपर उठानी है यानी की अशहदु अल्ला पर सीधे हाथ की शहादत की ऊँगली के बीच में अंगूठा रख कर शहादत की ऊँगली ऊपर करना है। फिर जब आप लफ्ज इल्लल्लाहु पर पहुंचे तो शहादत वाली ऊँगली को नीचे गिरा कर अपने हाथ की सभी उंगलियो को सीधा कर लें| 2 रकाअत वाली नमाज़ में अत्तहिय्यात पढ़ने के बाद दुरूद शरीफ़ और दुआ पढकर सलाम फेर देना चाहिए और 4 रकाअत वाली नमाज़ में अत्तहिय्यात पढ़ने के बाद अल्लाहु अकबर कहकर खडा हो जाना चाहिए|
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