Tahajjud ki Namaz ka Tarika for Ladies & Gents

Tahajjud ki Namaz ka Tarika in Hindi | Tahajjud Namaz ki Niyat

तहज्जुद की नमाज के बारे में सभी जानते है लेकिन कुछ इंसान ऐसे भी होते है जिन्हे तहज्जुद की नमाज पढ़ने का तरीका (tahajjud ki namaz ka tarika) मालुम नहीं होता है| आज हम अपने इस लेख में तहज्जुद की नमाज के बारे में सभी अहम् जानकारी आपको देंगे इसीलिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें| तहज्जुद की नमाज की बरकत और रहमत से आपकी बड़ी सी बड़ी परेशानी या बिमारी दूर हो जाती है, इसीलिए तहज्जुद की नमाज जरूर पढ़नी चाहिए|

अगर आप किसी बिमारी की वजह से या किसी आर्थिक या मानसिक परेशानी से बहुत ज्यादा परेशान है तो तहज्जुद की नमाज पढ़ने से आपकी परेशानी या बिमारी बहुत जल्द खत्म हो जाएगी| तहज्जुद की नमाज ईशा की नमाज के बाद और फज्र की नमाज से लगभग एक घंटा पहले तक पढ़ सकते है, इस नमाज को अदा करने का सबसे अच्छा वक़्त रात का आखिरी तीसरा पहर माना जाता है| तहज्जुद की नमाज को अल्लाह की सबसे ज्यादा पसंदीदा नमाज में गिना जाता है और इस नमाज में मांगी गई दुआ बहुत जल्द कबूल होती है| तहज्जुद की नमाज पढ़ने का तरीका (tahajjud ki namaz padhne ka tarika) बताने से पहले हम आपको तहज्जुद की नमाज के बारे में बताते है

Tahajjud ki Namaz ka Tarika

तहज्जुद की नमाज क्या है?

तहज्जुद की नमाज पढ़ने का तरीका जानने से पहले आपको यह जानना जरुरी है की आखिर तहज्जुद की नमाज कया है? यह तो आप जानते ही होंगे की तहज्जुद की नमाज आधी रात के बाद पढ़ी जाती है इसलिए तहज्जुद की नमाज को रात की नमाज या Qiyam-u-lail भी कहा जाता है| तहज्जुद शब्द जो बना है वो हुजूद से लिया गया है और हुजूद का मतलब कुरान के साथ जागना होता है| हम आपको बता दें की तहज्जुद की नमाज की बहुत ज्यादा फजीलत होती है और इस नमाज को ईशा की नमाज़ के बाद अदा किया जाता है| तहज्जुद की नमाज़ फ़र्ज़ नहीं नफिल होती है और तहज्जुद की नमाज़ पढ़ने से बहुत ज्यादा सवाब मिलता है और अगर आप इस नमाज को नहीं पढ़ते है तो आप गुनहगार तो नहीं होंगे लेकिन आप खुदा की रहमत से मरहूम हो जायेंगे।

तहज्जुद की नमाज का वक़्त कया है

इस्लाम में हर एक चीज का सही समय मुकर्रर किया गया है, अलग अलग नमाज के लिए अलग अलग वक़्त होता है, चाहे फर्ज की नमाज हो, सुन्नत की नमाज हो, नफिल की नमाज हो या तहज्जुद की नमाज़ हो सभी का वक़्त अलग अलग होता है। अगर आप नमाज के वक़्त पर नमाज पढ़ते है तो आपको उस नमाज का सवाब बहुत ज्यादा मिलता है। बहुत से लोगो के मन में यह सवाल होता है की तहज्जुद की नमाज पढ़ने का सही समय कया है? चलिए हम आपको बताते है की तहज्जुद की नमाज पढ़ने का सही समय कया है? सभी मुस्लिम भाई और बहन को ईशा की नमाज़ पढ़कर सो जाना चाहिए और रात में जब भी आपकी नींद खुले तो उस समय से लेकर सुबह सादिक तक तहज्जुद की नमाज का समय होता है| वैसे तहज्जुद की नमाज का वक़्त रात 12 बजे के बाद से शुरू हो जाता है, तहज्जुद की नमाज पढ़ने के लिए सबसे अच्छा समय बताया गया है की जब भी आपकी नींद खुल जाएं उसी वक़्त उठ कर सबसे पहले वजू करें फिर तहज्जुद की नमाज अदा करें और बेहतर यह है की फजर की अज़ान से लगभग 1 घंटे पहले नमाज़ अदा कर लें| इसीलिए तहज्जुद की नमाज़ पढ़ने का सही और सबसे बेहतर वक़्त रात 12 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक का होता है|

तहज्जुद नमाज की नियत (tahajjud namaz ki niyat)

यह तो हम सभी अच्छी तरह से जानते है की हर एक नमाज की अपनी अलग नियत होती है और किसी भी नमाज को पढ़ने से पहले उसकी नियत करनी जरुरी है| नमाज की शुरुआत ही नियत से होती है उसी तरह से तहज्जुद की नमाज़ की नियत भी होती है, जिसे तहज्जुद की नमाज पढ़ने से पहले किया जाता है| हम आपको बता दें की तहज्जुद की नमाज एक नफल नमाज होती है इसीलिए इसकी नियत भी नफल नमाज़ों की तरह ही होती है| तहज्जुद की नमाज से पहले आप नफल नमाज की नियत करके आप तहज्जुद की नमाज अदा कर सकते है अगर आपको यह नहीं पता है की तहज्जुद की नमाज की नियत (tahajjud namaz ki niyat) कैसे की जाती है तो नीचे हम आपको इसके बारे में बता रहे है

तहज्जुद की नमाज की नियत कैसे बने (tahajjud ki namaz ki niyat kaise bane)

अगर आपको यह नहीं पता है की तहज्जुद नमाज की नियत कैसे बांधे तो परेशान ना हो अब हम आपको तहज्जुद की नमाज नियत करने के बारे में बताते है| अगर आप 2 रकात की नियत बांधना चाहते है तो सबसे पहले अपने दोनों हाथो की उंगुलियो को अपने कानो के लो तक लाएं फिर अपने दोनों हाथो को नाफ के निचे बांध लें| उसके बाद आपको सना पढ़ना है, सना पढ़ने के बाद आपको दूसरा ताउज पढ़ना है, उसके बाद सूरह फातिहा पढ़ लें, फिर आपको क़ुरान शरीफ की कोई एक सूरह पढ़नी (सूरह वही पढ़ें जो आपको अच्छी तरह याद हो) है| सूरह पढ़ने के बाद आपको अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाना होता है, रुकू में जाने के बाद आपको कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बिल अजीम कहना है उसके बाद समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ उसके बाद जब आप अच्छी तरह से खड़े हो जाएं तो फिर आपको सजदा करना है| बस इसी तरह से आप तहज्जुद की नमाज़ की दूसरी रकत भी पढ़ें|

तहज्जुद की नमाज में क्या पढ़ना चाहिए (tahajjud ki namaz me kya padhna chahiye)

काफी सारे मुस्लिम ऐसे भी होते है जिनके मन में यह सवाल रहता है की तहज्जुद की नमाज में कया पढ़ना चाहिए| तो हम आपको बता दें तहज्जुद की नमाज़ किसी अलग तरीके से नहीं पढ़ी जाती है, जिस तरह से आप सब नमाज पढ़ते है उसी तरह से तहज्जुद की नमाज (tahajjud ki namaz me kya padhna chahiye) पढ़ें| आपको जितनी भी रकात की नमाज पढ़नी हो उतनी रकत की नमाज पढ़ें हर एक रकात के बाद जो भी सूरह आपको याद है उसे पढ़ें उसके बाद अगली रकात पढ़ें फिर सूरह पढ़ें| मान लीजिए आपको केवल दो सूरह याद है तो पहली रकात के बाद एक सूरह और दूसरी रकात के बाद दूसरी सूरह पढ़ें|

तहज्जुद की नमाज की रकात 

तहज्जुद की नमाज को एक नफल नमाज़ माना गया है इसका मतलब यह है की इस नमाज को खुदा की इबादत के लिए पढ़ा जाता है| तहज्जुद की नमाज में 8 से 12 रकात पढ़नी चाहिए, लेकिन अगर आपके पास समय की कमी है तो आपको कम से कम 2 रकात की नमाज जरूर पढ़नी चाहिए और अगर नबी के उसूलों पर चलें तो हर एक मुस्लिम भाई और बहन को 8 रकात जरूर पढ़नी चाहिए|

तहज्जुद की नमाज का तरीका (tahajjud ki namaz ka tarika)

वैसे तो अधिकतर इंसान तहज्जुद की नमाज पढ़ने का तरीका जानते है लेकिन कुछ इंसान ऐसे भी होते है जिन्हे तहज्जुद की नमाज का तरीका मालूम नहीं होता है अगर आप भी उन इंसानो में शामिल है तो अब हम आपको तहज्जुद की नमाज का तरीका बताने वाले है| इस नमाज में आप दो रकात से लेकर 12 रकात तक अदा कर सकते है| चलिए अब हम आपको तहज्जुद नमाज कैसे अदा की जाती है इसके बारे में जानकारी दे रहे है –

  • सबसे ईशा की नमाज अदा करने के बाद सो जाएं उसके बाद जब भी आप रात में सो कर उठे तो तहज्जुद की नमाज पढ़ने के लिए सबसे पहले पहले वज़ू कर लें। वजू करने का तरीका आपको मालुम ही होगा लेकिन अगर आपको वजू करने का तरीका मालूम नहीं है तो आप हमारे दूसरे लेख में वजू करने का सही तरीका पढ़ सकते है|
  • वजू करने के बाद आपको तहज्जुद की नमाज के लिए नियत करनी होती है, जैसे आप हर नमाज़ मे नियत पढ़ते है|
  • तहज्जुद की नमाज की नियत करने के बाद आपको तहज्जुद की नमाज अदा करनी है, जैसे आप सब नमाज़ पढ़ते है उसी तरह तहज्जुद की नमाज पढ़ लें|
  • तहज्जुद की नमाज में पढ़ी जाने वाली सुरह कोई खास या अलग सुरह नहीं होती है, जो सुरह आप अन्य नमाज में पढ़ते है वो वाली सुरह ही आप तहज्जुद की नमाज में पढ़ सकते है|
  • हर एक मुस्लिम भाई और बहन को कोशिश करनी चाहिए तहज्जुद की नमाज़ में लंबी लंबी सूरह पढे़।

काफी इंसानो के मन यह सवाल रहता है की तहज्जुद की नमाज पढ़ने का सही तरीका कया होता है तो हम आपको बता दें की तहज्जुद की नमाज पढ़ने का तरीका अलग नहीं होता है| तहज्जुद की नमाज भी वैसे ही पढ़ी जाती है जैसे सब नमाज पढ़ी जाती है| तहज्जुद की नमाज में आप 2, 4, 6, 8, 10 और 12 रकात पढ़ सकते है अगर आपके पास समय की कमी है तो आपको कम से कम 2 रकात जरूर पढ़नी चाहिए और समय की कोई कमी नहीं तो आपको 12 रकात की नमाज पढ़नी चाहिए| तहज्जुद की नमाज में 2 से कम और 12 से ज्यादा रकात पढ़ना मना है| तहज्जुद की नमाज का तरीका (tahajjud ki namaz ka tarika) वही है तो अन्य नमाज का होता है|

मर्द के लिए तहज्जुद की नमाज पढ़ने का तरीका (tahajjud ki namaz ka tarika for gents)

हालाँकि अधिकतर मर्दो को तहज्जुद की नमाज कैसे पढ़ें इसकी जानकारी होती है लेकिन कुछ इंसान ऐसे भी होते है जिन्हे तहज्जुद की नमाज पढ़ने का तरीका मालुम नहीं होता है| ऐसे में मर्द मस्जिद में जाकर तहज्जुद की नमाज के बारे में जानकारी पा लेता है| और कुछ इंसान इंटरनेट पर मर्द के लिए तहज्जुद नमाज पढ़ने का तरीका (tahajjud ki namaz ka tarika for gents) पढ़ लेते है| ऊपर हमने आपको तहज्जुद की नमाज पढ़ने का सही तरीका बताया है अगर आपको तहज्जुद की नमाज पढ़ने के बारे में नहीं पता है तो आप ऊपर पढ़कर तहज्जुद की नमाज पढ़ सकते है| तहज्जुद की नमाज सभी को अदा जरूर करनी चाहिए|

औरत के लिए तहज्जुद की नमाज पढ़ने का तरीका (tahajjud ki namaz ka tarika for ladies)

इस्लाम में मुस्लिम मर्द और औरत दोनों को नमाज पढ़ने के लिए कहा गया है| हालाँकि औरते भी तहज्जुद की नमाज अदा करती है| कुछ औरतो को तहज्जुद की नमाज पढ़ने का तरीका मालूम नहीं होता है, अगर आप भी उन औरतो में शामिल है तो हम आपको बता दें की औरतो के लिए तहज्जुद की नमाज पढ़ने का तरीका (tahajjud ki namaz ka tarika for ladies) वो ही होता है जो सब नमाज का होता है| सबसे पहले आप ईशा की नमाज पढ़ने के बाद सो जाएं उसके बाद रात में उठकर सबसे पहले वजू कर लें, औरतो के वजू करने का तरीका मर्द के वजू करने से थोड़ा अलग होता है जिसके बारे में हमने अपने दूसरे लेख में बताया है| उसके बाद तहज्जुद की नमाज अदा कर लें, तहज्जुद की नमाज में औरतो के लिए वही फर्क है जो सब नमाज में होता है| औरतो का वजू करना, रुकू करना और सजदा करने में फर्क होता है| वो सभी फर्क इस नमाज में भी होते है| आप जितनी रकात की नमाज अदा करना चाहे कर सकते है तहज्जुद की नमाज में औरतो के लिए भी उतनी ही रकात होती है जितनी मर्दो के लिए|

तहज्जुद की नमाज पढ़ने की फजीलत

ऊपर आपने तहज्जुद की नमाज पढ़ने का तरीका के बारे में जाना, तहज्जुद की नमाज पढ़ने की फजीलत बहुत ज्यादा है| चलिए अब हम आपको तहज्जुद की नमाज पढ़ने की फजीलत की बारे मे बताने जा रहे है

  • नबी करीम ने कहा है की तहज्जुद की नमाज़ अल्लाह की बहुत बड़ी दौलत होती है और तहज्जुद की नमाज पढ़ने से अल्लाह बहुत जल्दी खुश हो जाता है|
  • तहज्जुद की नमाज पढ़ने से खुदा आपको जहन्नुम की आग से बचाता है।
  • तहज्जुद की नमाज़ पढ़ने वाला मुस्लिम भाई और बहन अल्लाह के बहुत नजदीक होते हैं।
  • तहज्जुद की नमाज़ इंसान को गुनाहो से बचाती है, जाने अनजाने में किए गए गुनाहो से बचने के लिए तहज्जुद की नमाज जरूर पढ़नी चाहिए|
  • तहज्जुद की नमाज़ का दर्जा फर्ज की नमाज के बाद सबसे आला होता है।
  • तहज्जुद की नमाज अदा करने वाले मर्द और औरत को जन्नत में जगह मिलती है।
  • तहज्जुद की नमाज़ में मांगी गई दुआ बहुत जल्दी कबूल होती है|
  • अगर आप अपने आपको कब्र की वहशत से बचाना चाहते है तहज्जुद की नमाज जरूर पढ़ें|
  • सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने तहज्जुद नमाज के बारे में कहा है की जो भी मर्द या औरत तहज्जुद की नमाज पढ़ता है खुदा उस पर बहुत ज्यादा मेहरबान रहता है|
  • रात में जब सभी सो रहे होते है अगर आप उस समय उठकर अल्लाह की इबादत करते है तो उस समय को खुदा की इबादत के लिए सबसे अच्छा वक़्त मन जाता है और उस समय आपकी दुआ जल्द कबूल होती है|
  • अगर आप किसी भी बीमारी से परेशान है तो तहज्जुद की नमाज अदा करने से बीमारी जल्द दूर हो जाती है।
  • तहज्जुद की नमाज पढ़ने से आपके घर की बरक्कत बढ़ती रहती है|
  • तहज्जुद की नमाज अदा करने से दिन में आपके चेहरे पर नूर बना रहता है|
  • जिस घर में तहज्जुद की नमाज पढ़ी जाती है उस घर में एक अलग ही चमक होती है जिसे फ़रिश्ते दूर से ही देख लेते है|
  • नबी ने फ़रमाया हैं कि जब हर रात का तीन चौथाई हिस्सा गुजर जाता है तब अल्लाह कहता है की कया कोई है जो मुझसे दुआ मांगे और मैं उसकी दुआ कबूल करूँ या कया कोई है जो मुझसे अपने गुनाहो की माफी मांगे और मैं उसके गुनाह माफ़ करूँ, इसीलिए तहज्जुद की नमाज जरूर पढ़ें|

क्या सोने से पहले तहज्जुद पढ़ सकते है ?

कुछ इंसानो के मन में यह सवाल भी होता है की कया तहज्जुद की नमाज सोने से पहले पढ़ सकते है? तो इसका जवाब है हाँ| आप सोने से पहले तहज्जुद की नमाज पढ़ सकते है, अगर आप 12 बजे चार तिहाई समय के बाद सो रहे है तो आप तहज्जुद की नमाज पढ़ कर सो सकते है| और अगर आप पहले सो जाते है तो आप उठ कर नमाज पढ़ सकते है|

हम उम्मीद करते है की आपको हमारे लेख तहज्जुद की नमाज का तरीका (tahajjud ki namaz ka tarika) में दी गई जानकारी पसंद आई होगी, इसीलिए इस लेख को अपने दोस्तों और परिवार वालो के साथ शेयर जरूर करें| जिससे यह लेख उन मुस्लिम भाई बहनो तक पहुँच जाएं जिन्हे तहज्जुद की नमाज पढ़ने का तरीका (tahajjud ki namaz ka tarika in hindi ) मालुम नहीं है|

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