सूरह बकराह के बारे में सभी जानते ही है, सूरह बकराह को कुछ लोग सूरह बकरा या सूरह बकरह भी कहते है| सूरह बकरह को कुरान की दूसरी सबसे बड़ी सूरह है और इस सूरह में 286 आयते होती है, कुरान में सूरह बकरह से पहले सूरह अल फातिहा आती है| जिस तरह इस्लाम धर्म को मानने वाले इंसानो के लिए नमाज अदा करना फर्ज है उसी तरह हर एक मुस्लिम को सूरह बकरह की आयते पढ़ना भी फर्ज है| सूरह बक़रह की आखिरी दो आयते पढ़ने से बहुत ज्यादा सवाब मिलता है, सूरह बकरह की आयते पढ़ने के फायदे अनगिनत है| हालाँकि सूरह बकरह में 286 आयते मौजूद है लेकिन अगर आप आखिरी की दो आयत (Surah baqarah last 2 ayat in Hindi ) पढ़ते है तो आपको बहुत ज्यादा सवाब मिलता है| आज हम अपने इस लेख में आपको सूरह बकरह के आखिरी दो आयतो के बारे में जानकारी देने के साथ साथ सूरह बक़रह की आखिरी आयत पढ़ने के फायदे के बारे में जानकारी दे रहे है|
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सूरह बकरह की आखिरी दो आयात | Surah baqrah Last 2 Ayat in Hindi
सूरह बकरह की सभी आयतो में से आखिरी की दो आयत को सबसे ज्यादा खास माना जाता है, चलिए अब हम आपको सूरह बकरह की आखिरी दो आयत हिंदी में बताने जा रहे है
पहली आयत – आमनर्सूलु बिमा अन्ज़िल इलैहि मिर्रब्बिही वल्मुअमिनू-नकुल्लुन, आमन बिल्लाहि वमलाइ कतिही व कुतुबिही वरूसूलिही ला नु-फ़र्रिक़ु बैना अहदि म्मिर्रूसुलिही वक़ालू समिअ्ना वअतअ्ना गुफ़रा नका, रब्बना वइलैकल् मसीर.
दूसरी आयत – ला यु-कल्लिफुल्लाहु नफ़सन् इल्ला उस्-अ़हा, लहा मा कसबत् व अ़लैहा मक़ तसबत, रब्बना ला तुआख़िज़ना इन्नसी ना औ अख़्अ्ना रब्बना वला तह्मिल् अ़लैना इस्रन् कमा हमल् तहू अ़लल्लज़ी-न मिन् क़ब्लिना रब्बना वला – तुहम्मिल्ना माला ता-क़-तलना बिही वअ्फु अ़न्ना वग्फ़िर् लना वर हमना अन्ता मौलाना फ़न्सुर्ना अ़लल् क़ौमिल् काफ़िरीन.
Surah baqrah last 2 ayat in english
1 – Aamanar-Rasoolu bimaaa unzila ilaihi mir-Rabbihee walmu minoon; kullun aamna billaahi. Wa Malaaa ikathihee wa Kutubhihee wa Rusulih laa; nufarriqu baina ahadim-mir-Rusulihee. wa qaaloo sami-naa wa ata-na ghufranaka Rabbana wa ilaikal-maseer.
2 – Laa yukalliful-laahu nafsan illaa wus’ahaa; lahaa maa kasabat wa alaihaa maktasabat; Rabbanaa la tu – aakhiznaa in naseenaaa. Aw akhtaanaa; Rabbanaa wa laa tahmil- alainaaa isran kamaa hamaltahoo alallazeena min qablinaa. Rabbanaa wa laa tuhammilnaa maa laa taaqata lanaa bih wa-fu annaa waghfir lanaa warhamnaa; Anta mawlaanaa fansurnaa alal qawmil kaafireen.
सूरह बकराह की आखिरी दो आयते पढ़ने के फायदे | Surah baqarah ki aakhri 2 ayat ki fazilat
सूरह बकराह को पढ़ने के फायदे बहुत सारे है, सभी मुस्लिम भाई बहन को सूरह बकराह और सूरह बकरह की आखिरी आयते (Surah baqarah ki akhri 2 ayat) जरूर पढ़नी चाहिए| चलिए अब हम आपको सूरह बकराह की आखिरी दो आयते पढ़ने के फायदे के बारे में जानकारी दे रहे है
1 – जो भी इंसान सूरह बकराह की आखिरी दो आयत की तिलावत करता है तो अल्लाह उस इंसान से खुश हो जाता है| आखिरी दो आयतो में इतनी ताकत होती है की यह मुर्दा दिलों को जिंदा कर सकती है|
2 – पैग़म्बर मोहम्मद साहब ने कहा है की अपने घर को कब्रिस्तान मत बनाओ, जिस घर में सूरह बकराह नहीं पढ़ी जाती है वो घर कब्रिस्तान जैसा होता है| इसीलिए सूरह बकराह की आखिरी दो आयते जरूर पड़नी चाहिए, जिस घर में सूरह बकराह की आखिरी दो आयते रोज पढ़ी जाती है उस घर में शैतान दाखिल नहीं होता है|
3 – अगर आपके घर में लगातार परेशानी बनी हुई है, परिवार के सदस्यो में लड़ाई झगडे ज्यादा हो रहे है, बिना बात के गुस्सा आ रहा है तो ऐसी सभी परेशानियो से बचने के लिए रोजाना सूरह बक़रह की आखिरी दो आयते जरूर पड़ें जल्द ही अल्लाह आपके घर की परेशानियां दूर कर देता है|
4 – सूरह बकराह को पढ़ने से घर में बरकत और खैर बनी रहती है, जिस घर में रोजाना सूरह बकराह की सूरह और आयते की की तिलावत होती है उस घर मे अल्लाह के फजल और कर्म से खैर और बरकत हमेशा बनी रहती है|
5 – कोई भी शख्स रोजाना सूरह बकराह की सूरह और आयत की तिलावत करता है, तो उस इंसान पर अल्लाह उसे छोटी और बड़ी बीमारियों से महफूज रखता है|
6 – सूरह बकराह को पढ़ने से अल्लाह कामयाबी अता फरमाता है और आपके कारोबार मे बरकत करता है|
7 – रात को सोने से पहले सूरह बकराह की आखिरी दो आयते पढ़ने से आप रात भर महफूज रहते है, सूरह बकराह की आखिरी आयते पढ़ने से बुरे सपने और बुरी ताकते आपके पास नहीं आती है|
8 – सूरह बकराह आपको हर उस बुरी चीज से बचाती है जो आपको दिखाई नहीं देती है| अगर आपके ऊपर किसी ने जादू करा दिया है या आप जादू से अपने आपको बचाना चाहते है तो रोजाना सूरह बकराह की आयते जरूर पढ़ें, रोजाना इन आयतो को पढ़ने से आप पर किसी भी तरह के जादू का असर नहीं होता है|
9 – सूरह बकराह को पढ़ने से खुदा कयामत के दिन आपको इनाम देता है|
सूरह बकरा की आखिरी दो आयत कब पढ़ें | Surah baqrah ki akhri 2 ayat kab padhe
काफी सारे इंसानो के मन में यह सवाल रहता है की सूरह बकरा की आखिर दो आयत (Surah baqarah ki akhri 2 ayat in hindi) कब पढ़नी चाहिए या किस समय पढ़ने से ज्यादा सवाब मिलता है? तो हम आपको बता दें की सूरह बकरह की आखिरी 2 आयतें याद करना बहुत आसान है क्योंकि यह बहुत छोटी और आसान होती है| लेकिन आयतो को पढ़ने से बहुत ज्यादा सवाब मिलता है, यूं तो सूरह बकराह या सूरह बकरा की आयत को पढ़ने का कोई एक खास वक्त मुकर्रर नहीं किया गया है| लेकिन रात को सोने से पहले सूरह बकरा की आखरी 2 आयत को पढना अफजल माना गया है, बाकी आप जितना ज्यादा बार सूरह बकरह की आखरी 2 आयात की तिलावत करते है उतना ही ज्यादा सवाब आपको मिलता है|
सूरह बकराह की आयत – Surah Baqarah last 2 Ayat
एक मर्तबा की बात है हुज़ूर सल्ल और हज़रत जिब्राइल दोनों साथ में बैठे हुए थे, अचानक आसमान से एक दहशत भरी आवाज आई, आवाज सुनकर हज़रत जिब्राइल ने ऊपर को आंखे उठाई और आसमान की तरफ देखते हुए कहने लगें की यह आसमान का दरवाजा खुला है जो आज से पहले कभी नहीं खुला था| दोनों उस दरवाजे को देखते रहे, फिर उस दरवाजे में से एक फरिश्ता निकला और नबी के पास आकर बोला, मैं आपको दो नूर देने वाला हूँ जिसे पाकर आप बेहद खुश हो जाएंगे| वो नूर आपसे पहले किसी भी नबी को नहीं दिए गए है, फ़रिश्ते ने उन दो नूर के बारे बताया की पहला नूर है सूरह फातिहा और दूसरा नूर है सूरह बकराह की आखरी 2 आयत| इन दोनों को पढ़ने से बहुत ज्यादा सवाब मिलेगा और जो भी इंसान इनको पढ़ेगा उसकी सभी परेशानी बहुत जल्द दूर हो जाती है|
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