सूरह फातिहा कुरान मजीद की अफजल सूरह होती है और यह सूरह फातिहा कुरान मजीद की पहली सूरह है| सूरह फातिहा – surah fatiha in hindi को हर एक मुस्लिम भाई और बहन को पढ़ना और समझना जरूरी है, वैसे तो सभी को सूरह फातिहा बचपन में ही रटा दिया जाता है, लेकिन सूरह फातिहा की अहमियत और तर्जुमा के बारे में नहीं बताया जाता है और ना ही सूरह फातिहा की फजीलत के बारे में बताया जाता है| शायद इसके पीछे का कारन बचपन भी हो सकता है क्योंकि बच्चपन में इंसान को इतनी समझ नहीं होती है| कुछ लोगो सूरह फातिहा के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है जिसकी वजह से वो सूरह फातिहा को कम आंक लेते हैं| हम आपको बता दें की सूरह फातिहा में 7 आयत और 140 हरुफ शामिल होती है, सूरह फातिहा की फजीलत के बारे में जानने के बाद आप समझ जाएंगे की इसे पड़ना कितना जरुरी है, आज हम अपने इस लेख में आपको सूरह फातिहा इन हिंदी और सूरह फातिहा की फजीलत के बारे में जानकारी दे रहे है, इसीलिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें, चलिए सबसे पहले सूरह फातिहा हिंदी में – surah fatiha in hindi बताते है
Contents
सुरह फातिहा हिन्दी में | Surah fatiha in hindi
अगर आप सूरह फातिहा हिंदी में पढ़ना चाहते है तो नीचे हम आपको सूरह फातिहा इन हिंदी (surah fatiha hindi mein) में बता रहे है
अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन.
अर रहमा निर रहीम.
मालिकि यौमिद्दीन.
इय्याक न अबुदु व इय्याका नस्तईन.
इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम.
सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम.
गैरिल मग़दूबी अलय हिम् व लद दाालीन. आमीन !
Surah E Fatiha Hindi Image
Surah fatiha in English
काफी सारे मुस्लिम ऐसे होते है जिन्हे हिंदी की जानकारी कम होती है ऐसे में वो सूरह फातिहा इंग्लिश में ढूंढ़ते है, नीचे आपको सूरह फातिहा इन इंग्लिश में बता रहे है
Alhamdulillah hi Rabbil aalameen.
Ar rahma nir rahim.
Maliki yaumiddin.
Iya kana budu wa Iya ka nastaieen.
Ihdinas siratal mustakeem.
Siratal lazina an amta alaihim.
Gairil magzubi alaihim wa lad dauleen. Ameen !
Surah fatiha in Arabic
بِسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ
ٱلْحَمْدُ لِلَّٰهِ رَبِّ ٱلْعَالَمِينَ
ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ
مَالِكِ يَوْمِ ٱلدِّينِ
إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِينُ
ٱهْدِنَا ٱلصِّرَاطَ ٱلْمُسْتَقِيمَ
صِرَاطَ الَّذِينَ أَنعَمتَ عَلَيهِمْ غَيرِ المَغضُوبِ عَلَيهِمْ وَلاَ الضَّالِّينَ
सूरह फातिहा का तर्जुमा | Surah Fatiha translation in Hindi
सुरह – अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन.
तर्जुमा – दुनिया की तमाम तारीफें सिर्फ अल्लाह ही के लिए है, जो सारे जहां के मालिक और बादशाह हैं|
सुरह – अर रहमा निर रहीम.
तर्जुमा – अल्लाह बड़ा मेहरबान और निहायत रहम करने वाला है.
सुरह – मालिकि यौमिद्दीन.
तर्जुमा – अल्लाह इन्साफ के दिन का मालिक है|.
सुरह – इय्याक न अबुदु व इय्याका नस्तईन.
तर्जुमा – ऐ मेरे परवरदिगार हम तेरी ही इबादत करते हैं और तुझ से ही मदद मांगते हैं.
सुरह – इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम.
तर्जुमा – हमको नेक और सीधे रास्ते पर चलना चाहिए .
सुरह – सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम.
तर्जुमा – हमे उन लोगों के रास्ते चला जिन पर तू अपना फज़ल और करम फरमाता रहता है.
सुरह – गैरिल मग़दूबी अलय हिम् व लद दाालीन. आमीन !
तर्जुमा – ना ऐसे लोगो पर जिन पर तू गुस्सा होता रहा है और ना ही उन लोगों के रास्ते पर जो भटके हुए हैं|
सूरह फातिहा पढ़ने के फायदे
सूरह फातिहा पढने के अनगिनत फायदे होते है जिनमे से कुछ फायदे हम आपको बता रहे है| सूरह फातिहा को आप हर मर्ज की दवा भी कह सकते है, सूरह फातिहा बिमारी से लेकर मानसिक या आर्थिक परेशानी में रहत दिलाती है, चलिए अब हम आपको सूरह फातिहा पड़ने के फायदे के बारे में बताते है
अगर आप या आपके परिवार में कोई सदस्य बीमार है और दवा का असर नहीं हो रहा है तो सूरह फातिहा मरीज की बिमारी को खत्म कर सकती है| सूरह फातिहा को “बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम की मीम को अल्हम्दों के अलिफ से मिलाकर” 41 मर्तबा पढ़ कर बीमारी पर या बीमार पर दम करने से इंशाअल्लाह उस बीमारी से शिफा मिल जाता है|
अगर आप कमजोर है या आपके परिवार का कोई सदस्य कमजोर है तो उस इंसान को ताकतवर बनाने में सूरह फातिहा फायदेमंद है| “बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम” के साथ सुरह फातिहा पड़ने से बहुत जल्द कमजोर इंसान ताकतवर होने लगता है|
अगर आप पर कर्जा ज्यादा है या कर्ज ऐडा नहीं कर पा रहे है तो सूरह फातिहा पढ़ने से अल्लाह आपसे जल्द खुश हो जाता है और उसकी रहमत से जल्द कर्ज अदा हो जाता है|
फज्र की नमाज पढ़ने के बाद 125 मर्तबा सूरह फातिहा पढ़कर अल्लाह पाक से दुआ करने से आपकी हर जायज मांग या मकसद को अल्लाह बहुत जल्द पूरा करता है|
अगर आपके शरीर या जिस्म में किसी भी तरह का दर्द या परेशानी हो रही है तो इस परेशानी को दूर करने में भी सूरह फातिहा के फायदे देखे जा सकते है| परेशानी या दर्द से छुटकारा पाने के लिए 7 मर्तबा सूरह फातिहा पढ़कर अल्लाह पाक से शिफा के लिए दुआ करने से बहुत जल्द फायदा मिलता है|
सूरह फातिहा कैसे पढ़े
हालाँकि अधिकतर मुस्लिम भाई और बहन सूरह फातिहा पढ़ने का सही तरीका जानते है, लेकिन कुछ भाई और बहन ऐसे है जिन्हे सूरह फातिहा कैसे पढ़ी जाती है इसके बारे में जानकारी नहीं होती है| कुराने पाक शरीफ पढने या कुराने पाक की कोई सूरह या आयात पढने से पहले पढ़ने वाले को पाक साफ़ होना चाहिए, अगर आप नापाक है तो सबसे पहले गुस्ल वुजू करके पाक हो जाए| फिर पाक होने के बाद बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम पढ़कर सूरह फातिहा पढ़ लें और जिस भी मकसद या मांग के लिए तिलावत कर रहे है उस मकसद या मांग को पूरा करने के लिए अल्लाह पाक से दुआ करे| रोजना सूरह फातिहा (surah fatiha hindi mein) पढ़ने से इंशाअल्लाह बहुत जल्द आपकी जायज मांग या मकसद पूरा हो जाता है|
सूरह फातिहा कब पढ़ें
सूरह फातिहा कब पढ़नी चाहिए काफी सारे मुस्लिम भाई और बहनो के मन में यह सवाल रहता है की सूरह फातिहा को कब पढ़ना चाहिए? चलिए अब हम आपको सूरह फातिहा कब पढ़नी चाहिए इसके बारे में जानकारी दे रहे है
1 – सभी मुस्लिम भाई को पांचो वक़्त की नमाज अदा करनी चाहिए, पाँचो वक्त की नमाज़ में सुरह फातिहा पढ़ी जाती है|
2 – जब आप या आपके परिवार का कोई सदस्य किसी किस्म की तकलीफ या बीमारी से ग्रसित हो तो उस तकलीफ या बीमारी से निजात पाने के लिए सुरह को पढ़ें.
3 – चूंकि सुरह में अल्हम्दुलिल्लहि अल्फाज़ आता है, जिसका अर्थ होता है, शुक्रिया अदा करना इसलिए जब भी आपके साथ कुछ अच्छा हो तब आप अल्हम्दुलिल्लहि की जगह अल्हम्दुलिल्लाह पढें.
4 – तस्बीह पढते समय सुरह फातिहा को पढ़ने से बहुत ज्यादा सवाब मिलता है|
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