प्रत्येक मुसलमान को नमाजे जनाजा की दुआ – namaz e janaza ki dua in hindi के बारे में पता होना बहुत ज्यादा जरुरी है, हालाँकि आज के ज़माने कुछ ऐसे भी मुसलमान होते है जिन्हे जनाजे की नमाज या दुआ के बारे में जानकारी नहीं होती है अगर आप भी उनमे से एक है तो हमारा यह लेख आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि आज हम अपने इस लेख में जनाजे की नमाज और जनाजे की दुआ के बारे में बता रहे है| इस्लाम धर्म में किसी भी इंसान की अंतिम विदाई को नमाज ए जनाजा कहा जाता है अरबी भाषा में सलात अल-जनाज़ा कहा जाता है| मौत इस दुनिया की वो सच्चाई है जिसका सामना हर इंसान को करना होता है, सभी मुसलमानो को जनाजे में शामिल जरूर होना चाहिए|
अगर आपके आस पड़ोस में किसी भी मुसलमान की मय्यत हो गई है तो सभी मुस्लिम भाइयो का फर्ज बनता है की सभी को नमाजे जनाजा में शामिल होना चाहिए| अगर कोई भी मुस्लिम उसमे शामिल नहीं होता है तो खुदा की नजरो में वो गुनहगार है, इसीलिए इस गुनाह से बचने के लिए मुस्लिम भाइयों और बहनों की जनाजे की नमाज अदा करने जरूर जाना चाहिए, जनाजे की नमाज और जनाजे की दुआ पढ़ने से बहुत ज्यादा सवाब मिलता है| लेकिन कुछ मुस्लिम भाई ऐसे होते है janaze ki namaz ka tarika मालूम नहीं होता है| किसी भी नमाज को पढ़ने से पहले उसकी नियत की जाती है, चलिए अबसे पहले हम आपको नमाजे जनाजा की नियत के बारे में बताते है
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नमाज़े जनाज़ा की नियत हिंदी में (Namaz e Janaza ki Niyat in Hindi )
नमाजे जनाजा अदा करने से पहले उसकी नियत करना जरुरी है, बिना नियत के कोई भी नमाज अदा नहीं होती है| लेकिन कुछ मुस्लिम भाई ऐसे भी होते है जिन्हें नमाजे जनाजा की नियत पता नहीं होती है तो हम आपको बता दें की नमाजे जनाजा की नियत – नियत की मैंने नमाज ए जनाजा की 4 त्क्बीरो के साथ, वास्ते अल्लाह ता अला के दुआ इस मय्यत के लिए, पीछे इस इमाम के, मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर है| जनाजे की नियत करने के बाद नमाजे जनाजा अदा की जाती है| चलिए अब हम आपको नमाजे जनाजा पढ़ने का तरीका के बारे में बताते है
जनाज़ा की नमाज़ का तरीका (Namaz e Janaza padhne ka tarika)
जनाजे की नमाज पढ़ने से पहले आपको उसका सही तरीका मालुम होना चाहिए, अगर आपको जनाजे की नमाज पढ़ने का सही तरीका मालुम नहीं होता है तो आपको नमाज पढ़ने का सवाब नहीं मिलता है| हर नमाज की नियत अलग होती है इसीलिए जनाजे की नमाज की नियत भी अलग होती है जिसके बारे में हमने आपको ऊपर बता दिया है, केवल जनाज़े की नमाज़ ही एक ऐसी नमाज़ होती है जिसमे रुकू और सजदा नहीं होता है और जनाजे की नमाज में रक्त की जगह बस चार तकबीर होती है और तकबीर के साथ कुछ दुआएं होती है जिनको पढ़ने के बाद सलाम फेरा जाता है| Namaz e Janaza को मुस्लिम मर्द और औरत दोनों पढ़ सकते है, इसीलिए हर मुसलमान को जनाज़े की नमाज़ में जरूर सिरकत जरूर करनी चाहिए | चलिए अब हम आपको जनाजे नमाज को पढ़ने का तरीका हिंदी में बताते है
पहली तकबीर
सबसे पहले जनाजे नमाज की नियत कर लें(जनाजे नमाज की नियत के बारे में आप ऊपर पढ़ सकते है) उसके बाद अपने हाथों को कानों तक उठा लें फिर अल्लाह हू अकबर कहते हुए दोनों हाथों को नाफ़ के नीचे बांध ले| फिर आप सना – सुबहानाकल्लाहुम्मा व बिहमदिका व तबा रकस्मुका व तआला जददुका व जल्ला शनाउका व ला इलाहा गैरुक पढ़ लें| अब आप दूसरी तकबीर करेंगे|
दुसरी तकबीर
जब आप सना पढ़ लें उसके बाद बिना अपने हाथो को उठाएं अल्लाह हू अकबर कहें और उसके बाद दरूदे इब्राहिम – अल्ला हुम्मा सल्ले, आला मुहम्मदिव व आला आले मुहम्मदिन कमा सल्लैता अला इब्राहिम व आला आले इब्राहिम इन्नका हमीदुम्मजीद अल्ला हुम्मा बारीक, अला मुहम्मदीव व अल्ला आले मुहम्मदिन कमा बारकता अला इब्राहिम व आला आले इब्राहिम इन्नका हमीदुम्मजीद पढें| पांचो वक़्त की नमाज में अत्तहिय्यात के बाद जो दरूद शरीफ पढ़ते है उसी दरूद शरीफ को जनाजे की नमाज में पढना बेहतर होता है।
तिसरी तकबीर
दरूद शरीफ पढ़ने के बाद भी आपको अपने हाथ नहीं उठाने है, बिना हाथ उठाए सिर्फ अल्लाह हू अकबर कहें| उसके बाद जनाजे की दुआ पड़ी जाती है, जनाजे की दुआ बालिग़ मर्द और औरत की एक होती है लेकिन नाबालिग लड़के और नाबलिग लड़की की दुआ अलग अलग होती है| जनाजे की दुआ के बारे में हम आपको आगे बताएंगे| जनाजे की नमाज की दुआ पढ़ने के बाद आप चौथी तकबीर में जाएंगे
चौथी तकबीर
जनाजे की दुआ पढ़ने के बाद आप अपने हाथ नीचे कर लें, फिर सलाम फेर दे| | सलाम फेरने के बाद आप दुआ मैयत के मगफिरत के लिए पढ़ सकते है, बस जनाजे की नमाज मुकम्मल हो गई है अब जनाज़ा उठा कर कब्रिस्तान ले जाएं|
जनाजे की दुआ हिंदी में – Namaz e Janaza ki Dua
अगर आपको जनाजे की दुआ – namaz e janaza ki dua के बारे में मालुम नहीं है तो हम आपको बता दें की जनाजे की दुआ तीन तरह की होती है पहली दुआ होती है बालिग़ मर्द या औरत के जनाजे की दुआ की, दूसरी दुआ होती है नाबालिग लड़के के जनाजे की दुआ और तीसरी होती है नाबालिग लड़की के जनाजे की दुआ |
बालिग़ मर्द या औरत के जनाजे की दुआ
अगर आप किसी बालिग़ मर्द या औरत के जनाजे में जा रहे है और आपको जनाजे की दुआ ( namaz e janaza ki dua) के मालुम नहीं तो हम आपको नीचे दी गई दुआ पढ़नी है
“अल्लाहुम्मग्फिरली हय्यिना व मय्यितिना व शाहिना व गाइबिना व सगिरिना व कबिरिना व जाकारिना व उनसाना अल्लाहुम्मा मन अहयइतहु मिन्ना फ़अहइही अल्ल इस्लामी व मन फ़तवफ़्फ़ाहू मिन्ना फ़तवफ़्फ़ाहू अललईमान”
नाबालिग लड़के के जनाजे की दुआ
अगर आप किसी नाबालिग बच्चे या लड़के के जनाजे में जा रहे है तो आपको यह दुआ पढ़नी चाहिए :
अल्लाहुम्मज् अल्हा लना फ़रातव वज्अल्हा लना अज्रव व जुख़्रव वज्अल्हा लना शाफ़िअव व मुशफ़्फाअह
नाबालिग लड़की के जनाजे की दुआ
अगर आप किसी लड़की या बच्ची के जनाजे में जा रहे है तो आपको नीचे दी जा रही दुआ को पढ़ना चाहिए
अल्लाहुम्मज् अल्हा लना फ़रातव वज्अल्हा लना अज्रव व जुख़्रव वज्अल्हा लना शाफ़ि-अतंव् व मुशफ़्फिअह
Namaz e Janaza ki Dua in English
चलिए अब हम आपको नमाजे जनाजा की दुआ इंग्लिश के बारे में बताने वाले है, नमाजे जनाजा की दुआ इन इंग्लिश में नीचे दे रहे है
” Allahum’mz Alha Lana Faraatw Wazalha Lana Azraw Wa Jukhraw Wazalha Lana Shafi’aw Wa Mushf’fa’ah. “
क़ब्र पर मिटटी देने की दुआ (Janaza ki Mitti Dene ki Dua)
नमाजे जनाजा पढ़ने के बाद आपके लिएयह जानना भी जरुरी है की कब्र पर मिट्टी कैसे दी जाती है? तो हम आपको बता दें की कब्र पर तीन बार मिट्टी दी जाती है, जब आप किसी भी इंसान की कब्र पर मिट्टी इत्मीनान से देनी चाहिए। तीनो बार मिट्टी देते समय दुआ पढ़ना बहुत जरुरी है अगर आप कब्र पर मिटटी देने की दुआ के बारे में नहीं पता है तो हम आपको बताते है|
जब आप किसी भी मुस्लिम की मैयत में जाए तो कबरिस्तान के अंदर दाखिल होने से पहले आप अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह वबरकाताहु जरूर पढ़ें, जब आप कब्र पर मिटटी डालते समय यह ध्यान रखें की मिटटी डालने की शुरुआत जनाजे के सिर की तरफ से शुरू करें| सबसे पहले अपने दोनों हाथो में मिटटी भर लें फिर पहली बार कब्र पर मिट्टी डालते समय “मिन्हा खलक ना कुम” कहें, दूसरी बार मिट्टी डालते समय “व फिहा नोइदोकुम” फिर तीसरी और आखिरी बार मिट्टी डालते समय “व मिन्हा नुखरे जोकुम तरतुल उखरा” पढ़ें|
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