चार आसमानी किताब के नाम (4 asmani kitab ke naam)
अल्लाह ताला ने अलग अलग समय पर अलग अलग पैगंबर और संदेश ( asmani kitabon ke naam ) को भेजा है, पैग़म्बर अल्लाह के बंदों को सीधा रास्ता दिखाने का काम करते थे| ऐसा बताया गया है की अल्लाह ने दुनिया में लगभग 124000 नबी भेजे थे और यह सभी नबी इस्लाम के बारे में शिक्षा देने के साथ साथ सही राह पर चलने के लिए कहा है| अल्लाह के द्वारा भेजे गए कुछ नबी ऐसे भी है जिन्होंने कुछ किताबे भी दी थी, जिन्हे पढ़कर आप इस्लाम धर्म को जानने के साथ साथ सही राह पर चल सकते है| अल्लाह ने जिन नबियो को किताब नवाजी है उन्हें रसूल कहा गया है। अल्लाह ताला ने हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को कुरान जैसी मुक़द्दस किताब अता फ़रमाई थी| कुरान में 25 नबियों के बारे में बताया गया है, अल्लाह ने अलग अलग नबियो को अलग अलग किताबें दी है लेकिन उनमे से प्रसिद्ध किताब कुछ ही है| चलिए आज हम आपको चार प्रसिद्ध आसमानी किताबों (4 asmani kitab ke naam ) के बारे में बता रहे है
आसमानी किताबें – Asmani Kitabon ke Naam
यह तो आप समझ ही गए होंगे की अल्लाह ने इस्लाम धर्म को मानने वाले बंदो को सही राह दिखाने के लिए अलग अलग समय पर अलग अलग नबी दुनिया में भेजे है, कुछ नबियो को खुदा ने किताब के साथ भी भेजा है| एक आसमानी किताब सहूफे इब्राहिमी भी प्रसिद्ध है लेकिन आज यह किताब पूरी तरह से लुप्त है लेकिन कुछ जगहों पर इस किताब का जिक्र देखने को मिल जाता है, इसीलिए हमने इस किताब का जिक्र नहीं किया है, चलिए अब हम आपको चार आसमानी किताबो (4 asmani kitab ke naam) के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है जो सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है
1 – तौरात
आसमानी किताब (asmani kitab ke naam) तौरात को अल्लाह की तरफ से हजरत मूसा अलैहिस्सलाम पर नाजिल की गई थी| आज के समय में तौरात आपको असली हालत में देखने या पढ़ने को नहीं मिलने वाली है, तौरात में काफी बदलाव हो चुके है लेकिन तौरात में आज भी इस्लाम धर्म का जिक्र मिल जाता है।
2 – जबूर
आसमानी किताबो में एक नाम जबूर का भी आता है, किताब जबूर को अल्लाह की तरफ से हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम को दी थी| जिससे हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम इस किताब के जरिए इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों की रहनुमाई कर सकें|
3 – इंजील
इंजील किताब को अल्लाह ने हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम पर नाजिल किया था, किताब इंजील में अन्य आसमानी किताबो की तरह एकेश्वरवाद और इस्लाम की मूलभूत शिक्षाओं के बारे में बताया गया है| हालाँकि आज के समय में यह किताब अपने असल रूप में उपलब्ध नहीं है, इंजील किताब में बहुत सारे बदलाव हो गए है|
4 – कुरान
आसमानी किताबो में सिर्फ कुरान ही एक ऐसी किताब है जिसमे किसी भी तरह की तब्दीली नहीं हुई है| अल्लाह ने कुरान मजीद पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर नाफ़िल की है, जिससे पैग़म्बर हजरत मुहम्मद साहब मुसलमानो को सही राह दिखा सके| सभी आसमानी किताबो में से कुरान को सबसे अफजल और सादा बाकी रहने वाली किताब के रूप में जाना जाता है| कुरान को हर मुस्लिम भाई और बहन को मुंह जबानी याद होनी चाहिए| चलिए अब हम आपको कुरान मजीद के बारे कुछ बातें बताते है
- सभी आसमानी किताबो में सबसे अफज़ल किताब कुरान ही है। हालाँकि तमाम सहीफ़े और किताबें अल्लाह का कलाम हैं लेकिन कुरान से मुसलमानो को बहुत ज्यादा सवाब मिलता है।
- लगभग सभी आसमानी किताबो में तब्दीली हो चुकी है, लोगो ने अपने हिसाब से आसमानी किताबो में बदलाव कर दिए है और अपनी पसंद की बातें लिख दी है| बस कुरान ही एक ऐसी किताब है जिसमे किसी भी तरह की तब्दीली नहीं हो पाई है|
- ऐसा माना जाता है कुरान की हिफ़ाज़त अल्लाह ताला करते है, इसीलिए कुरान में किसी भी तरह की तब्दीली नहीं की जा सकती है| ना ही कुरान का कोई नुकता बदला जा सकता है और ना ही कुरान में कुछ घटाया या बढ़ाया जा सकता है|
आसमानी किताबें कैसे नाज़िल हुई
आसमानी किताबो के बारे में तो लगभग सभी जानते है लेकिन काफी सारे मुस्लिम भाई और बहनो के मन में यह सवाल भी रहता है की आसमानी किताब (4 asmani kitab ke naam in urdu) दुनिया में कैसे नाजिल हुई या दुनिया में कैसे आई? हालाँकि इसकी सटीक जानकारी तो किसी के पास शायद ही आपको मिले| ऐसा माना जाता है की जब किसी भी समाज या देश में अधर्म बहुत ज्यादा हो जाता है या देश के लोग पथ भ्रष्ट हो जाते है तो ऐसे मामले में अल्लाह अपने बंदो को सही राह दिखाने के लिए और अपना संदेश अपने बंदो तक पहुंचाने के लिए अपना एक पैगंबर या रसूल को दुनिया में भेजता है| अल्लाह पैगंबर या रसूल के साथ एक किताब या कुछ बुनियादी बातें बता कर भेजता है जिससे वो लोगो को सही और गलत के बारे में बताए और खुदा की बताई राह पर चलाने की कोशिश करें| अल्लाह ने अलग अलग समय पर अलग अलग पैग़म्बर को भेज कर लोगो को सही राह दिखाने की कोशिश की है, जिब्रील सबसे पहले अलैहिस्सलाम नबी और रसूलों को अल्लाह का संदेश देते है, फिर नबी और रसूल अल्लाह के संदेश को मुस्लिम लोगों तक पहुंचाते थे। अल्लाह जिन किताबो या पैगामों को अपने लोगो के लिए भेजता है वो ही आसमानी किताब में होते है|
क्या मुसलमानो को चारों आसमानी किताबो पर यकीन रखना चाहिए या नहीं ?
आज के समय में कुछ मुस्लिम ऐसे भी है जो आसमानी किताबो पर यकीन नहीं करते है, उन्हें देख काफी सारे मुस्लिम भाई और बहनो के मन में यह सवाल आता है की मुस्लिमो को आसमानी किताब पर यकीन करना चाहिए या नहीं| इस्लाम धर्म को मानने वाले हर इंसान को अल्लाह की तरफ से नाज़िल की गई हर किताब पर यकीन रखना बहुत ज्यादा जरूरी है क्योंकि अल्लाह के द्वारा दी गई सभी किताब इंसान को सही राह दिखाती है| अगर कोई भी इस्लाम धर्म को मानने वाला इंसान अल्लाह की तरफ से नाज़िल की गई इन किताबों पर यकीन नहीं करता है तो वह शख्स इस्लाम का इनकार करता है। लेकिन आज के समय में आसमानी किताबें (4 asmani kitab ke naam) अपने असली रूप में उपलब्ध नहीं है| तौरात, जबूर, इंजील और कुरान चारों आसमानी किताबो में से केवल कुरान ही एक ऐसी किताब बची है जिसमे किसी भी प्रकार की तबदीली नहीं आई है वरना तौरात, जबूर, इंजील में काफी तब्दीलियां हो चुकी है। कुरआन में कुछ भी बदलाव नहीं हुआ इसका सबसे बड़ा कारण यह है की कुरान की हिफाजत खुद अल्लाह करता है| कुरान में आज तक किसी भी तरह की तब्दीली नहीं की गई है और दुनियाभर के मुसलमानो को कुरान मुंह जबानी याद है, इसीलिए कुरान को बदलना नामुमकिन है|
चार आसमानी किताब के नाम उर्दू में (4 asmani kitab ke naam in urdu)
आज के समय में काफी सारे मुस्लिम भाई और बहन आसमानी किताबो के नाम उदू में ढूंढ़ते है| ऊपर हमने आपको चार आसमानी किताबो ((char asmani kitab ke naam in urdu) के बारे में बताया है, जिनके बारे में आप ऊपर पढ़ सकते है|
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