दुरूद ए ताज (Darood e taj in Hindi) के बारे में सभी ने सुना ही होगा, लेकिन आज भी काफी सारे मुस्लिम भाई ऐसे है जिन्हे दुरूद ए ताज के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है| ऐसे इंसान इंटरनेट पर दुरूद ए ताज कया है, दुरूद ए ताज कब पढ़ें और दुरूद ए ताज की फजीलत कया है? इत्यादि लिखकर सर्च करते है| अगर आपको Darood e Taj के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो हमारा यह लेख आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, अपने इस लेख में दुरूद ए ताज के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है| आप सभी अच्छी तरह से जानते होंगे की दुरूद ए ताज को हम अपने प्यारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर पढ़ते हैं, नबी पर दरुद भेजकर हमे सवाब मिलता है, अल्लाह को उसके हबीब पर दरूद भेजने वाला शख्स बहुत ज्यादा पसंद होता है और दरुद शरीफ पढने वाले इंसान की दुआ बहुत जल्द कबूल होती है|
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दुरूद ए ताज कया है – What is Darood e Taj
हम आपको बता दें की हदीसों में बहुत सारी दरूद शरीफ बताई गई हैं, हर एक दरूद शरीफ की अपनी कई सारी फजीलतें होती है, उन्ही में से एक darood e taj भी है| लेकिन कुछ दरूद शरीफ ऐसे भी है जो काफी बड़े होते हैं, काफी बड़े होने की वजह से इन्हे याद करना आसान नहीं है, लेकिन जितने बड़े दरूद शरीफ होते है उनकी फजीलतें उतनी ही ज्यादा होती हैं| उनमे से एक दरुद ए ताज भी है, दुरूद ए ताज काफी बड़ी होने की वजह से इसे याद करना आसान नहीं है लेकिन इसकी फजीलत बहुत ज्यादा होती है| हर एक मुस्लिम को दुरूद ए ताज को याद करने की कोशिश करनी चाहिए, लेकिन अगर आपको याद नहीं हो रही है तो आप इसे देख कर पढ़ लें| दुरूद ए ताज की फजीलत (darood e taj ki fazilat) के बारे में बताने से पहले हम आपको दुरूद ए ताज कब पढ़ना चाहिए इसके बारे में जानकारी दे रहे है
दुरूद ए ताज को कब पढ़ना चाहिए ? Darood e taj kab padhe?
काफी सारे मुस्लिम लोगो के मन में यह सवाल होता है की दुरूद ए ताज को कब पढ़ना चाहिए या दुरूद ए ताज को किस वक़्त पढ़ना चाहिए| दुरूद ए ताज के फायदे (darood e taj ki fazilat) देखते हुए आपको इसे रोजाना पढ़ना चाहिए| दुरूद ए ताज आप कभी भी पढ़ सकते है लेकिन दुरूद ए ताज काफी बड़ी होने की वजह से काफी सारे इंसान इसे रोजाना नहीं पढ़ पाते है| इस स्थिति में अगर आप दुरूद ए ताज (darood e taj ) को रोजाना नहीं पढ़ सकते है तो आपको जुम्मे के दिन दुरूद ए ताज को जरूर पढ़ें|
दुरूद ए ताज हिंदी में (Darood e taj in hindi )
ऊपर आपने दुरूद ए ताज के बारे में पढ़ा, अब हम आपको दुरूद ए ताज हिंदी में के बारे में बता रहे है, जिसे पढ़कर आप सवाब हासिल कर सकते है-
अल्लाहुम्मा सल्ले अला सय्यिदिना व मौलाना मोहम्मदी, साहिबित्त ताज़े वल मेराजे वल बुर्राके वल अलम दाफेईल बलायें वल वबाई वल कहति वल मर्ज़ी वल अलम, इस्मोहु मक़तूबुम मरफ़ूउम मशफ़ुउम मनकुसुन फ़ील लौही वल क़लम, सय्यिदिल अरबी वल अज़म.
जिस्मोहु मुक़द्दसुन मुअत्तरुन मुतहहरुन मुनव्वरुन फ़ील बैति वल हरम, शमशुद्दुहा बदरुददुजा सदरिलउला नूरीलहुदा कहफ़िलवरा मिस्बाहिज़ ज़ुल्म.
जमिलिस्सीयम शफ़ीईल उमम सहिबिल जुदी वल करम, वल्लाहु आसिमोहु जिब्रीलो खादिमुह वल बुर्राको मर्कबुहु वल मेराजो सफ़रोहु व सिदरातुल मुंतहा मकामोहु व क़ाबा क़व्सैनी मतलूबुह वल मतलुबुह मक़सुदुह वल मक़सुदुह मोजूदुह, सय्यिदिल मुरसलीन ख़ातिमिन नबीय्यीन शफ़ीईल मुज़नबीन अनिसिल ग़रीबिन.
रहमतूल्लील आलमीन राहतिल आशेक़ीन मुरादिल मुश्ताक़ीन शमशील आरिफ़िन, सिराजिस सालिकीन मिस्बाहिल मुक़र्रबीन मोहिब्बुल फुक़राए वल गुरबाए वल मसाक़ीन सय्यिदिस शक़लैन नबिय्यील हरमैन इमामिल किब्लतैन, वसिलतना फिद्दारैन साहिबे क़ाबा कौसेन.
महबूबे रब्बुल मशरीकैन व मग़रिबैन, जद्दील हसनी वल हुसैन मौलाना व मौलस शकलैन, अबिल क़ासिमि मोहम्मद इब्ने अब्दुल्लाह नूरुममिन नूरिल्लाह, या आय्योहल मुश्ताक़ुन बिनुरी जमालेही सल्लु अलैही व आलेही व अस्हाबेहि व सल्लीमो तस्लीमा.
दुरूद ए ताज पीडीएफ हिंदी में डाउनलोड करें | Darood e taj pdf in hindi
पहले के जमाने में इतनी सुविधाएं नहीं थी जितनी आज के समय में हो गई है, आज के समय में हर इंसान के पास एंड्राइड फ़ोन मौजूद है| ऐसे में अगर आपको दुरूद ए ताज (darood e taj) याद नहीं है तो आप अपने फ़ोन में दुरूद ए ताज की पीडीएफ डाउनलोड करके रख सकते है, दुरूद ए ताज की पीडीएफ हिंदी में डाउनलोड करके रखने का सबसे बड़ा फायदा यह है की जब आपका मन करें इसे पढ़ सकते है| दुरूद ए ताज पढ़ने की फजीलत बहुत ज्यादा होती है इसीलिए जब भी आपके पास वक़्त हो तब दुरूद ताज पढ़ लें|
Durood e taj ki fazilat| दुरूद ए ताज की फज़ीलत
ऊपर आपने दुरूद ए ताज (darood e taj in Hindi) के बारे जाना, वैसे तो दुरूद ए ताज पढ़ने के बेशुमार फायदे होते है जिनमे से कुछ फायदों के बारे में हम आपको जानकारी उपलब्ध करा रहे है
1 – अगर आप गुनाहो को मिटाना चाहते है तो दुरूद ए ताज पढ़ें, दुरूद ताज पढ़ने से आपके गुनाह माफ़ हो जाते है|
2 – रोजाना दुरूद ए ताज पढ़ने से खुदा आपके लिए बख्शिश के दरवाज़े खोल देता है।
3 – दुरूद ए ताज पढ़ने से आपके दिल की सफाई होती है|
4 – दुरूद ए ताज को रोजाना से पढ़ने से आप गमो गुरबत से दूर रहते है|
5 – अगर आप पर या परिवार के किसी भी सदस्य पर जादू आसेब, जिन्न और शयातीन इत्यादि का असर है तो इनसे छुटकारा दिलाने में दुरूद ए ताज मददगार होता है| सबसे पहले एक गिलास में पानी लेकर ग्यारह मर्तबा दुरूद ए ताज पढकर दम करें और वो पानी पीड़ित को पिलाने से इंशाअल्लाह जल्द आराम मिलता है|
6 – घर या परिवार के किसी भी सदस्य को वबा, चेचक, फसाद या कोई अन्य बिमारी हो रही है तो ऐसे में आप ग्यारह मर्तबा दुरूद ए ताज पढकर दम करने से बहुत जल्द राहत मिलती है|
7 – हर एक शख्स रोजी में कुशादगीं पाना चाहता है, दुरूद ए ताज पढ़ने से रोजी में कुशादगी आती है रोजाना फजर की नमाज के बाद 7 बार दुरूद ए ताज पढ़ने से जल्द रोजी में कुशादगी होती है|
8 – अगर आप नबी करीम सल्लल्लाहु अलेहि व सल्लम की जियारत की तमन्ना रखते है तो दुरूद ए ताज को रोजाना पड़ें, दुरूद ए ताज पढ़ने से इंशाअल्लाह ज़ियारत नसीब होती है|
9 – आज के समय में हेर एक शख्स के हजारो दुश्मन होते है, अगर आप अपने आपको दुश्मनो से महफूज़ रखना चाहते है तो आज से ही दुरूद ए ताज पढ़ना शुरू कर दें|
10 – ऐसी मुस्लिम महिला जो गर्भवती है उनके लिए भी दुरूद ए ताज की फजीलत बहुत ज्यादा होती है, रोजाना दुरूद ए ताज पढ़ने से आप जालिमो के ज़ुल्म से महफूज़ रहती है|
11 – अगर हामिला को किसी भी तरह तकलीफ हो रही तो लगातार 7 दिन 7 बार पानी पर दुरूद ए ताज पढ़कर दम करें और हामिला को पिलाने से तकलीफ में आराम मिलता है|
12 – दुरूद ए ताज पढ़ने से औलाद का सुख भी मिलता है, अगर किसी औरत को औलाद का सुख है मिल रहा है तो 21 खजूर लेकर दुरूद ए ताज 7 बार पढ़कर दम करें, फिर इन खजूरों का सेवन कर लें| ऐसे ही 21 खजूरों पर दुरूद ए ताज पढ़कर 7 बार दम करके शोहर को भी खिलाएं| इन्शाल्लाह बहुत जल्द आपको औलाद का सुख मिल जाएगा|
हम उम्मीद करते है की आपको हमारा लेख दुरूद ए ताज कया है और दुरूद ए ताज की फजीलत (darood e taj ki fazilat) कया है? में दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी, हम आपसे गुजारिश करेंगे की हमारे इस पेज को अधिक से अधिक शेयर करने की कोशिश करें| जिससे हमारा यह लेख उस मुस्लिम भाई के पास पहुँच जाए जिसे दुरूद ए ताज के बारे में जानकारी नहीं है|
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