Dua e ganjul arsh hindi mein के बारे में अधिकतर मुस्लिम भाइयो को मालुम होता है, लेकिन आज भी कुछ मुस्लिम भाई ऐसे होते है जिन्हे दुआ गुंजल के बारे में जानकारी नहीं होती है| अगर आप भी इसके बारे में नहीं जानते है तो हमारा यह लेख आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है| आज हम अपने इस पेज में Dua e ganjul arsh in Hindi के बारे में जानकारी देने के साथ साथ दुआ गुंजल अर्श की फजीलत के बारे में बताने वाले है| इस दुआ को अज़ीम ओ शान और कबूलियत की दुआ भी कहा जाता है जिसे पढ़कर आप अपनी तमाम ख्वाहिशो को पूरा कर सकते है|
Dua e ganjul arsh को एक दुआ माना गया है, यह दुआ इसीलिए भी ख़ास मानी गई है क्योंकि इस दुआ को हमारे प्यारे नबी सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम ने भी पढ़ा था| Dua e ganjul arsh की फजीलत बहुत ज्यादा होती है, अल्लाह ताला का नाम लेने से ही हमे सवाब मिलता है और परेशानियो से निजात मिलती है| दुआ ए गंजुल अर्श पढ़ने से बहुत ज्यादा सवाब इसीलिए भी मिलता है क्योंकि इस दुआ में अल्लाह के 99 नाम आते है, जिस वजह से इस दुआ की फजीलत भी बहुत ज्यादा होती है|
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दुआ ए गंजुल अर्श हिन्दी में (Dua e ganjul arsh in hindi )
यह तो आपको पता है की Dua e ganjul अर्श बहुत ज्यादा खास दुआ है, इस दुआ के खास होने के पीछे कई सारे कारण है, दुआ ए गंजुल अर्श में अल्लाह के नाम आने की वजह से यह दुआ बेहद खास और अज़ीम ओ शान दुआ होती है और इसकी फजीलत बहुत ज्यादा होती है| अल्लाह के नाम आने की वजह से इस दुआ की रहमत और बरकत बहुत ज्यादा बढ़ जाती है| Dua e ganjul arsh को हमारे नबी ने पढ़ा है और इस दुआ के बारे में जिब्राइल अलैहिस्सलाम ने भी बताया है, इसीलिए हर एक मुसलमान को पढ़ना चाहिए| दुआ ए गंजुल अर्श पढ़ने से आपको अल्लाह की रहमत मिलती है और बहुत ज्यादा सवाब भी मिलता है, इसके आलावा इस दुआ को पढ़ने से खुदा आपसे खुश होता है और आपकी दुआ को जल्द क़ुबूल करता है| चलिए अब हम आपको इस दुआ के बारे में बताने के साथ साथ इसकी फजीलत के बारे में जानकारी दे रहे है –
1 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् मलिकिल क़ुद्दुसि.
2 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् अज़िज़िल् ज़ब्बारी.
3 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नर्रऊफिर्रहीमि.
4 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् गफूर्रिहीमि.
5 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् करीमिल् हक़ीमि.
6 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् क़विय्यिल् वफिय्यि.
7 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल्लतीफिल् खबीरि.
8 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नस्स-मदिल् माबूदि.
9 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा नल् ग़फुरिल् वदुदि.
10 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् वकीलिल् कफीलि.
11 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नर्रकीबिल् हफ़ीज़ि.
12 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नद्दाइमिल् क़ाइमि.
13 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् मुहयिल् मुमीति.
14 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् हय्यिल् क़य्यूमि.
15 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् ख़ालिक़िल् बारी.
16 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् अलिय्यिल् अज़ीमि.
17 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् मुअमिनिल् मुहैमिनि.
18 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् वाहिदिल् अहदी.
19 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् हसीबिश्शहीदि.
20 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् हलीमिल् करीमि.
21 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् अव्वलिल् क़दीमि.
22 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् अव्वलिल् आखिरि.
23 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नज़्ज़ाहिरिल् बातिनि.
24 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् कबीरिल् मुतआलि.
25 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् क़ाज़िल् हाजाति.
26 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नर्रहमानिर्रहीमि.
27 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानर्रब्बिल अरशिल् अज़ीमि.
28 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा न रब्बि-यल् अअला.
29 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् बुरहानि-स्सुल्तानि.
30 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानस्समी अिल् बसीरि.
31 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् वाहिदिल् क़ह्हारि.
32 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् अलीमिल् हकीमि.
33 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नस्सत्तारिल् गफ़्फ़ारि.
34 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नर्रहमानिद्दय्यानि.
35 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् कबीरिल् अक्बरि.
36 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् गफ़ूरिश्शकूरि.
37 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् अज़ीमिल् अलीमि.
38 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् ज़िल् मुल्कि वल्-म-लकूति.
39 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहान जिल् अ़िज़्ज़ति वल् अज़मति.
40 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् अ़लीमिल् अल्लामि.
41 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नश्शाफ़िल् काफ़ी.
42 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् अ़ज़ीमिल् बाक़ी.
43 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानस्स-मदिल् अहदि.
44 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा न रब्बिल् अरज़ि वस्समावाति.
45 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहान ख़ालिक़िल् मख़लूक़ाति.
46 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहान मन् ख़-ल-क़ल्ले-ल वन्नहार.
47 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् ख़ालिक़िर्राज़िक़ि.
48 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् फ़त्ताहिल् अ़लीमि.
49 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् अ़ज़ीज़िल् ग़निय्यि.
50 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहान ज़िल् हैबति वल् क़ुदरति.
51 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहान ज़िल् किब्रियाई वल् जब्रूति.
52 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नस्सत्तारिल् अज़ीमि.
53 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् आलिमिल् ग़ैबि.
54 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् हमीदिल् मजीदि.
55 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् हकीमिल् क़दीमि.
56 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् क़ादिरिस्सत्तारि.
57 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् -नस्सत्तारिल् अलीमि.
58 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् ग़निय्यिल् अज़ीमि.
59 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् अ़ल्लामिस्सलामि.
60 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् मलिकिन्नसीरि.
61 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् ग़निय्यिर्रह्मानि.
62 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् क़रीबिल् हसनाति.
63 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् वलिय्यिल् हसनाति.
64 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानस्सबूरि स्सत्तारि.
65 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् ख़ालिक़िन्नूरी.
66 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल्. ग़निय्यिल् मोजिज़ि.
67 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् फ़ाज़िलिश्शकूरि.
68 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् ग़निय्यिल् क़दीमि.
69 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् ज़िल् जलालिल् मुबीनि.
70 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् ज़िल् कुव्वतिल् मतीनि.
71 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् क़विय्यिल् अज़ीज़ि.
72 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् अल्लामिल् ग़ुयूबि.
73 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् हय्यिल्लज़ी ला यमूतु.
74 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-न सत्तारिल् उयूबि.
75 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् गुफ़रानिल् मुसतअ़ानि.
76 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नल् रब्बिल् अ़ालमीन.
77 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नर्रहमानिस्सत्तारि.
78 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहा-नर्रहीमिल् ग़फ़्फ़ारि.
79 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् अज़ीज़िल् वह्हाबि.
80 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् क़ादिरिल् मुक़तदिरि.
81 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् ज़िल् गुफ़रानिल् हलीमि.
82 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् मालिकिल् मुल्कि.
83 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् बारियिल् मुसव्विरि.
84 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् अज़ीज़िल् जब्बारि.
85 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल्. जब्बारिल् मुतकब्बिरि.
86 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल्लाहि अम्मा यासिफ़ून.
87 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् कुद्दूसिस्सुब्बूहि.
88 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहान रब्बिल् मलाईकति वर्रूही.
89 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहान ज़िल् आलाई वन्नअ्माइ.
90 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् मालिक़िल् मक़सूदि.
91 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – सुबहानल् हन्नानिल् मन्नानि.
92 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – आदमु सफ़िय्युल्लाहि.
93 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – नूहुन नजिय्युल्लाहि.
94 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – इब्राहीमु ख़लीलुल्लाहि.
95 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – इस्माइलु ज़बीहुल्लाहि.
96 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – मूसा कलीमुल्लाहि.
97 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – दावूदु ख़ली-फ़तुल्लाहि.
98 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – इसा रुहुल्लाहि.
99 – ला इलाहा इल्लल्लाहु – मुहम्मदुर्रसूलुल्लाही.
दुआ ए गन्जुल् अर्श पढ़ने का वक्त | Dua e Ganjul Arsh Padhne ka Waqt
ऊपर आपने दुआ ए गन्जुल् अर्श के बारे में जाना, लेकिन काफी सारी मुस्लिम भाइयो के मन में यह सवाल होता है की दुआ ए गन्जुल् को किस वक्त पढ़ना चाहिए| दुआ ए गन्जुल् अ़र्श पढ़ने से बहुत ज्यादा सवाब मिलता है और इसकी फजीलत भी बहुत ज्यादा है, दुआ ए गन्जुल् अ़र्श को पढ़ने के लिए आपको वक्त का पाबंद होना जरुरी नहीं है| आपके पास जब भी समय में हो इसका मतलब अगर आप दिन में पढ़ सकते है या आप चाहे तो दुआ ए गन्जुल् अ़र्श को रात मे भी पढ़ सकते है |
दुआ पढ़ने का तरीका – Dua Padhne ka Tarika
यह तो आप समझ ही गए है की dua e ganjul arsh in Hindi को पढ़ने के लिए वक्त की पाबन्दी नहीं है| लेकिन इसे पढ़ने से आपको कुछ बातो का ख्याल जरूर रखना चाहिए, अगर आप नीचे बताई जा रही बातो का ख्याल नहीं रखेंगे तो आपको दुआ ए गन्जुल् अर्श पढ़ने की फजीलत नहीं मिलती है
1 – अगर आप दुआ ए गन्जुल् अर्श पढ़ना चाहते है तो आपका पाक साफ़ होना बहुत जरुरी है, कभी भी नापाक होकर इसे नहीं पढ़ना चाहिए|
2 – दुआ ए गन्जुल् अर्श पढ़ने से पहले आपको ब-वुजु होना बहुत जरूरी है |
3 – दुआ ए गन्जुल् अर्श को सिर्फ 1 बार ही पढ़ना चाहिए, अगर आपने इसे दिन में पढ़ लिया है तो रात में ना पाएं, इसका मतलब यह है की दुआ ए गन्जुल् अर्श को दिन में एक बार पढ़ना चाहिए|
वैसे तो हर एक मुस्लिम को इस दुआ को मुजबानी बाद कर लेना चाहिए, लेकिन अगर आप इसे बाद नहीं कर पा रहे है तो आप इसकी पीडीऍफ़ डाउनलोड करके अपने मोबाइल में रख लें| मोबाइल में पीडीऍफ़ डाउनलोड करने से आपको इसके लिए परेशान होने की जरुरत नहीं पड़ेगी| जब भी आपके पास समय हो आप अपने मोबाइल से दुआ गुंजल पढ़ सकते है| आज के समय में काफी सारी ऐसी साईट मौजूद है जो डाउनलोड दुआ ए गन्जुल् अर्श पीडीऍफ़ हिंदी में ( download dua e ganjul arsh pdf in hindi ) में उपलब्ध कराती है| आप उन वेबसाइट पर जाकर पीडीऍफ़ डाउनलोड कर सकते है|
दुआ ए गन्जुल् अर्श की फजीलत ( Dua e ganjul Arsh ki Fazilat Hindi Mein )
ऊपर आपने दुआ ए गन्जुल् अर्श के बारे में जाना, लेकिन कया आपको पता है की dua e ganjul arsh पढ़ने की बहुत सारी फ़ज़ीलते होती है| काफी सारे मुलिस्म भाई ऐसे है जिन्हे दुआ ए गन्जुल् अर्श के फायदे के बारे में जानकारी नहीं होती है, हालाँकि इसके फायदे बेशुमार है, जिनमे से कुछ फजीलत के बारे में हम आपको बताने जा रहे है, उम्मीद है की dua e ganjul arsh ki fazilat के बारे में जानने के बाद आप इसे रोजाना पढ़ना शुरू कर देंगे| चलिए अब हम आपको dua e ganjul arsh ki fazilat के बारे में जानकारी दे रहे है
1 – जो भी शख्स दुआ ए गन्जुल् अर्श पढता है अल्लाह ताला उसकी रोजी मे बरकत देता है|
2 – दुआ ए गन्जुल् अर्श पढ़ने वाले शख्स के दुश्मन और आजिज़ जलील रहते है, चाहे आपके दुश्मन आपका कितना भी बुरा चाह लें तब भी आपका बुरा नहीं होता है|
3 – जो भी शख्स dua e ganjul arsh पढ़ने का मामूर बना लेता है उस शख्स पर अल्लाह तआला की रहमत हर वक़्त नाज़िल होती है|
4 – दुआ ए गन्जुल् अर्श पढ़ने वाला शख्स मैदान ऐ जंग मे बमुकाबला फतह पाता है और वो शख्स गनीमत और आफ़ियत के साथ अपने घर वापस आता है|
5 – dua e ganjul arsh पढ़ने वाला शख्स हर तरह के जादू, शैतान और तमाम बुरी चीजों से महफूज रहता है, अगर आपको या आपके घर के किसी भी शख्स पर किसी भी तरह का जादू या शैतान का शर या किसी बुरी चीज ने परेशान कर रखा है तो सबसे पहले बारिश का पानी एक गिलास में लेकर उसे दुआ ए गन्जुल् अर्श दम करके मरीज को पिलाने से जल्द राहत मिलती है|
6 – अगर आप या घर के किसी भी सदस्य को ऐसी बिमारी या परेशानी है, जिसकी वजह से सभी परिवार वाले हैरान या परेशान है तो दुआ ए गन्जुल् अर्श उस बिमारी या परेशानी से भी निजात दिलाती है| इसके लिए पानी में दुआ ए गन्जुल् अर्श पढ़कर दम करके पिलाने से जल्द रहत मिलती है|
7 – दुआ ए गन्जुल् अर्श में इतनी ताकत है जो औलाद का सुख भी दिला सकती है| सबसे पहले मुश्क और जाफरान से दुआ ए गन्जुल् अर्श लिखकर बे औलाद को पीला दें, लगातार 21 दिन तक इसे पिलाने से इनशाल्लाह बहुत जल्द औलाद नसीब होती है और औलाद को बुलंद दर्जा नसीब होता है|
8 – दुआ ए गन्जुल् अर्श पढ़ने से दुश्मनो से निजात मिलती है, dua e ganjul arsh का विर्द फराखी रिज्क के लिए मामूल बताया गया है | बियारी से शिफ़ा याबी और हुसूल ऐ बरकत व फजाइल के लिए दुआ ए गन्जुल् अर्श (dua e ganjul arsh) को खुलऊस के साथ पढ़ने से फायदा मिलता है|
हम उम्मीद करते है की आपको हमारे पेज दुआ ए गन्जुल् अर्श (dua e ganjul arsh in Hindi ) में दी गई जानकारी पसंद आई होगी| अगर आपको हमारे पेज में दी गई जानकारी पसंद आई है तो हमारे पेज को अपने दोस्त और रिश्तेदारों के साथ शेयर करें| शेयर करने से यह पेज उस मुस्लिम भाई के पास पहुंच सकता है जिसे dua e ganjul arsh के बारे में जानकारी नहीं है|
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