इस्लाम धर्म में रमजान का महीना को बेहद खास महीना माना जाता है, इस महीने को इबादत का महीना भी कहा जाता है| रमजान के महीने में इंसान रोजे रखता है और अपने गुनाहो की माफ़ी मांगता है, रमजान के महीने में एक खास नमाज और पढ़ी जाती है जिसका नाम है तरावीह की नमाज| रमजान में पढ़ी जाने वाली तरावीह नमाज (taraweeh ki namaz ka tarika in hindi) को सभी को अदा करना चाहिए इस नमाज का सवाब बहुत ज्यादा मिलता है| आमतौर पर अधिकतर मुस्लिम औरत और मर्द तरावीह की नमाज एक बारे में जानते है लेकिन कुछ ऐसे भी होते है जिन्हे तरावीह की नमाज के बारे जानकारी नहीं होती है अगर आप भी उनमे से एक है तो हमारा यह लेख आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है आज हम अपने इस लेख में तरावीह की नमाज पढ़ने का तरीका और तरावीह की नियत के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है| चलाइए सबसे हम आपको तरावीह के बारे में बताते है
Contents
- 1 तरावीह क्या होती है ? (Taraweeh ki Namaz Kya Hai)
- 1.1 तरावीह की नमाज़ कितनी तरह की होती है ?
- 1.2 तरावीह की नमाज का सही वक़्त (Taraweeh ki namaz ka time )
- 1.3 तरावीह की 4 रकात पढ़ने का तरीका – Taraweeh ki 4 Raqat Ka Tarika
- 1.4 औरतो के लिए तरावीह नमाज की नियत (Taraweeh ki namaz ki niyat for ladies in hindi)
- 1.5 Taraweeh ki namaz ka tarika for ladies
- 1.6 तरावीह की नमाज़ में कौन सी सूरह पढ़नी चाहिए
- 1.7 तरावीह नमाज पढ़ने के फायदे – taraweeh ki fazilat
तरावीह क्या होती है ? (Taraweeh ki Namaz Kya Hai)
रमजान में के महीने में खुदा अपने बंदो पर बहुत ज्यादा मेहरबान रहता है, इस महीने में मांगी गई माफ़ी बहुत जल्दी कुबूल होती है, तरावीह शब्द अरबी भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ है आराम या तेहेरना| तरावीह की नमाज ईशा की नमाज के बाद पढ़ी जाती है और हर एक बालिग़ मर्द और औरत को तरावीह की नमाज (taraweeh ki namaz ka tarika in hindi) पढ़ना सबसे ज्यादा जरुरी बताया गया है।
तरावीह की नमाज़ कितनी तरह की होती है ?
यह तो सभी जानते है की रमजान के महीने में तरावीह की नमाज पढ़ी जाती है, लेकिन काफी कम लोग तरावीह की नमाज के प्रकार के बारे में जानते है, चलिए अब हम आपको तरावीह की नमाज कितनी तरह की होती है इसके बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है
1 – बड़ी तरावीह की नमाज़
जैसा की आप नाम से ही समझ गए होंगे की यह नमाज लम्बे समय तक चलती है, इस तरावीह की नमाज में इमाम साहब रमजान के रोज़े के अंदर पूरा क़ुरान शरीफ़ को मुक्कमल करते है|
2 – छोटी तरावीह की नमाज़
छोटी तरावीह की नमाज़ को पढ़ने में बड़ी तरावीह की नमाज के मुकाबले कम समय लगता है, इस नमाज में इमाम साहब पारा 30 के आखिरी 10 सूरह को पढ़ते है| दस सूरह पढ़ने में ज्यादा समय नहीं लगता है इसलिए इसे छोटी तरावीह की नमाज कहा जाता है|
तरावीह की नमाज का सही वक़्त (Taraweeh ki namaz ka time )
अगर आप तरावीह की नमाज पढ़ना चाहते है तो आपको तरावीह की नमाज पढ़ने का सही तरीका ( Taraweeh Ki Namaz padhne ka tarika For Ladies) मालूम होने के साथ साथ तरावीह की नमाज पढ़ने का सही वक़्त भी मालूम होना बहुत जरुरी है| चलिए अब हम आपको बता दें की तरावीह की नमाज पढ़ने का वक़्त ईशा की नमाज़ के बाद से शुरू होकर सहरी से पहले का होता है|
तरावीह की 2 रकात पढ़ने का तरीका
यह तो आप समझ ही गए होंगे की तरावीह की नमाज अदा करना जरुरी है, अब हम आपको तरावीह की 2 रकात पढ़ने का तरीका बताने वाले है| किसी भी नमाज को पढ़ने से पहले उस नमाज की नियत (taraweeh ki niyat) करना जरुरी है, इसीलिए पहले हम आपको तरावीह की 2 रकात सुन्नत की नियत के बारे में बताने जा रहे है
तरावीह की 2 रकात सुन्नत की नियत
तरावीह की दो रकात सुन्नत पढ़ने से पहले आपको नीचे बताई जा रही नियत को करना बहुत ज्यादा जरुरी है| अगर आप नमाज से पहले नियत नहीं करते है तो आपकी नमाज कुबूल नहीं होती है,
नियत की मैंने 2 रकत नमाज़ सुन्नत तरावीह वास्ते अल्लाह ताअला के मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ पीछे इस इमाम के अल्लाहु अकबर
पहली रकात पढ़ने का तरीका
तरावीह की नमाज आप मस्जिद में जाकर भी पढ़ सकते है और घर पर भी पढ़ सकते है, अगर आप तरावीह की नमाज घर पर पढ़ रहे है तो आपको आम नमाज की तरह ही तरावीह की नमाज पढ़ सकते है| लेकिन अगर आप तरावीह की नमाज मस्जिद में जाकर पढ़ रहे है तो तरावीह की नमाज पढ़ने का तरीका थोड़ा अलग है, मस्जिद में तरावीह की नमाज पढ़ते समय आपको केवल सना पढ़नी है बस| चलिए अब हम आपको तरावीह की नमाज पढ़ने का तरीका (namaz e taraweeh ka tarika) बता रहे है
सबसे पहले आप तरावीह की नमाज की नियत (taraweeh ki niyat) कर लें|
मस्जिद में दाखिल होने के बाद आप इमाम के पीछे जाकर खड़े हो जाए, उसके बाद पहले सना (सुब्हानका अल्लहुमा वबी हमदिका) पढ़ लें। सना पढ़ने के बाद दूसरा ताउज (आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम और बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम) पढ़ लें|
ताउज पढ़ने के बाद आपको चुप हो कर इमाम की अल्हम्दो लिल्लाहे और उसके बाद सूरह को चुपचाप सुनना है|
फिर आपको रुकू के लिए जाना है, रुकू में आपको कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बिल अजीम बोलना है|
रुकू के बाद इमाम साहब जब समी अल्लाह हुलेमन हमीदा बोलेन तब आपको रब्बना लकल हम्द फिर अल्लाह हुअक्बर बोलते हुए सजदे में जाना है|
सजदा करते वक़्त आपको कम से कम आप तीन बार सुब्हान रब्बि यल आला जरूर बोलना है|
इसके बाद आपको अल्लाहु अकबर बोलते हुए दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाना है|
पहली रकात पूरी हो गई है इसके बाद आप दूसरी रकात के लिए जाएंगे|
दूसरी रकात पढ़ने का तरीका
पहली रकात पूरी करने के बाद आपको दूसरी रकात पढ़नी है जिसे लिए नीचे बताए जा रहे तरीके को अपनाएं
सबसे पहले आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ लें फिर उसके बाद सूरह फातिहा (अल्हम्दु लिल्लाह) पढ़ लें|
उसके बाद आपको क़ुरान शरीफ की जो भी सूरह याद हो उसे पढ़ लें।
कुरान शरीफ की सूरह पढ़ने के बाद रुकू के लिए जाना है, रुकू में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बिल अजीम जरूर बोलें।
रुकू के बाद आप समी अल्लाह हुलेमन हमीदा बोलते हुए खड़े हो जाएँ, खड़े हो जाने के बाद एक बार रब्बना लकल हम्द जरूर बोलें।
उसके बाद आपको अल्लाहु अकबर बोलते हुए सजदे में जाना है, सजदे के दौरान आपको कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बि यल आला बोलें फिर उसके बाद अल्लाहु अकबर बोलकर अपने पंजो पर ऐसे बैठे जैसे आप इंसान नमाज में बैठता है।
बैठने के बाद आप सबसे पहले एक बार अत्तहियातु लिल्लाहि बोलते हुए अपनी शहादत की ऊँगली को ऊपर उठा लें|
फिर आपको एक बार दरूदे इब्राहिम और उसके बाद आपको एक बार दुआ ए मासुरा पढ़ना है|
उसके बाद आपको सलाम फेरना है, सबसे पहले अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह दाएं जानिब मुंह फेर लें उसके बाद अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह बाएं जानिब मुंह फेर लें|
बस अब आपकी तरावीह की 2 रकात सुन्नत नमाज पूरी हो गयी।
तरावीह की 4 रकात पढ़ने का तरीका – Taraweeh ki 4 Raqat Ka Tarika
ऊपर आपने तरावीह की दो रकात नमाज के बारे में जाना अगर आप चार रकात की नमाज अदा करना चाहते है तो हम आपको बता दें की बेहतर होगा अगर आप दो दो रकात मुकम्मल करें| पहले आप 2 रकात पढ़ लें फिर उसके बाद फिर से दो रकात पढ़ लें बस आपकी चार रकात मुकम्मल हो जाती है| जब भी आप 4 रकात पढ़ लें उसके बाद Taraweeh ki Dua पढ़ लें फिर अपने दोनों दोनों हाथो को उठा कर दुआ मांग लें, बस इसी तरह हर चार रकात के बाद दुआ मांगते हुए आपको 20 रकात पढ़नी है, बस 20 रकात के बाद आपकी तरावीह नमाज मुकम्मल हो जाती है| चलिए अब हम आपको तरावीह की दुआ के बारे में बताते है
तरावीह की दुआ हिंदी में (Taraweeh ki Dua in hindi)
ऊपर आपने तरावीह की 2 रकात पढ़ने का तरीका जाना, अब हम आपको तरावीह की दुआ के बारे में बता रहे है, हर 4 रकात के बाद आपको तरावीह की दुआ पढ़नी है, इस दुआ को पढ़ने से आपकी दुआ जल्द कबूल हो जाती है और आपको सवाब भी ज्यादा मिलता है| तरावीह की दुआ नीचे बताई जा रही है
सुब्हा-नल मलिकिल क़ुद्दूस, सुब्हा-न ज़िल मुल्कि वल म-ल कूत, सुब्हा-न ज़िल इज्जती वल अ-ज़-मति वल-हैबति वल क़ुदरति वल-किब्रियाइ वल-ज-ब-रुत, सुब्हा-नल मलिकिल हैय्यिल्लज़ी ला यनामु व ला यमूत, सुब्बुहुन कुद्दूसुन रब्बुना व रब्बुल मलाइकति वर्रूह, अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन्नारि, या मुजीरु या मुजीरु या मुजीर
औरतो के लिए तरावीह नमाज की नियत (Taraweeh ki namaz ki niyat for ladies in hindi)
तरावीह की नमाज अदा करना जितना मर्द के लिए फर्ज है उतना ही मुस्लिम औरत के लिए भी तरावीह की नमाज पढ़ना फर्ज है| अगर आप तरावीह की नमाज पढ़ना चाहती है तो सबसे आपको तरावीह नमाज की नियत करनी जरुरी है, तरावीह की नियत (taraweeh ki niyat) करने के बाद जी आप तरावीह की नमाज अदा कर सकते है, चलिए अब हम आपको तरावीह की नियत के बारे में बताते है
औरतो की तरावीह नमाज की नियत (Taraweeh ki namaz ki niyat for ladies)
नियत करती हूं मैं 2 रकात नमाज तरावीह की सुन्नत वास्ते अल्लाह ताला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाह हू अकबर।
Taraweeh ki namaz ka tarika for ladies
अगर आप तरावीह की नमाज पढ़ना चाहते है तो आपको तरावीह की नमाज पढ़ने का सही तरीका (taraweeh ki namaz ka tarika for ladies) मालूम होना बहुत ज्यादा जरुरी है| मर्द तरावीह की नमाज मस्जिद या घर दोनों जगह पढ़ सकते है लेकिन औरतो का मस्जिद में जाना मना होता है ऐसे में मुस्लिम औरतो को घर पर रहकर ही नमाज अदा करनी होती है| तरावीह की नमाज आप घर पर कर सकती है, चलिए अब हम आपको औरतो का तरावीह की नमाज पढ़ने का तरीका (taraweeh ki namaz for ladies) बता रहे है
अगर आप तरावीह की नमाज पढ़ना चाहती है तो सबसे पहले आप खुसु और कुज़ु वज़ु कर लें, फिर घर में किसी ऐसी जगह पर जानेमाज बिछा लें| ख्याल रखें की जानेमाज जिस जगह पर बिछा रहे है वो पाक हो और उस जगह की साफ सफाई अच्छी तरह से हो अगर जगह साफ़ नहीं है तो पहले उस जगह को अच्छी तरह से धोकर साफ़ कर लें|
जानमाज को बिछाने के बाद उस पर खड़े हो जाएं, खड़े होने के बाद सबसे पहले आप ईशा की 4 रकात पड़ें, फिर सुन्नत की 4 रकात पड़ें, फिर फर्ज की दो रकात, दो रकात सुन्नत की और उसके बाद दो रकात नफिल की पढ़ लें| इन सबके बाद आप taraweeh ki namaz पढ़ने के लिए खड़ी हो जाएं|
Taraweeh ki namaz ka tarika for ladies in hindi – पहली रकात का तरीका ।
तरावीह की पहली रकात पढ़ने का तरीका बता रहे है
खड़े होने के बाद आपको तरावीह की नमाज की नियत करनी है, नियत करने के बाद आपको सबसे पहले सना (सुबहानकल्लाहुम्मा वबि ‘हम्दिका व तबारक कस्मुका व त’आला जद्दुका व ला इलाहा ग़ैरुक) पढ़ लें|
फिर आपको सूरह फातिहा पढ़नी है, उसके बाद आपको जो भी सूरह याद हो उसे पढ़ लें, फिर अल्लाह हू अकबर बोलते हुए रुकु में जाना है, रुकू के दौरान आपको तीन बार सुबहाना रब्बी यल अज़ीम पढ़ना है|
उसके बाद आप समीअल्लाह होलेमन हमीदह बोलती हुई खड़ी हो जाएं, फिर आप अल्लाह हू अकबर कहते सीधे सजदे में चली जाएं|
आपको सजदा दो बार करना है, हर एक सजदे में आपको तीन बार सुबहाना रब्बी यल अला पढ़ना है, जब आपका दूसरा सजदा हो जाएं उसके बाद आपको अल्लाह हू अकबर बोलते हुए दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाना है
Aurat ki taraweeh ki namaz ka tarika – दूसरी रकात।
ऊपर आपने तरावीह के पहली रकात के बारे में जाना, पहली रकात के बाद आपको दूसरी रकात करनी है जिसके बारे में हम आपको नीचे बता रहे है
दूसरी रकात में सबसे पहले आप सना पढ़ें, फिर उसके बाद अल्हम्दु शरीफ पढ़ लें, फिर कोई एक सूरत पढ़ लें, उसके बाद अल्लाह हू अकबर बोलते हुए रुकु में चली जाएं, रुकु की तस्बीह करने के बाद आप समीअल्लाह होलेमन हमीदह बोलते हुए खड़ी हों जाएं|
जब आप कड़ी हो जाएं तो अल्लाह हू अकबर बोलते हुए सजदे में चली जाएं, दो बार सजदा कर लें|
जब दूसरा सजदा हो जाएं तो उसके बाद आप तशहुद में बैठ जाएं, तशहुद में बैठने के बाद आप एक बार अत्तहियात, उसके बाद दरूदे इब्राहिम और फिर दुआ ए मासुरा पढ़ लें| इसके बाद आपको सलाम फेरना है|
बस अब आपकी तरावीह की 2 रकात नमाज मुकम्मल हो चुकी है, तरावीह की नामज में 20 रकात होती है, इसीलिए आपको ऐसे ही 10 बार दो रकात पढ़नी है| हर 4 रकात नमाज के बाद आपको तरावीह की दुआ जरूर पढ़नी है, तरावीह की दुआ के बारे में हमने आपको बता दिया है|
तरावीह की नमाज़ में कौन सी सूरह पढ़नी चाहिए
यह तो आप ऊपर पढ़ चुके है की Taraweeh ki namaz हर बालिग़ मर्द और औरत पर फर्ज है, मर्द तो तरावीह की नमाज मस्जिद में जाकर अदा कर लेता है, लेकिन औरते घर पर नमाज़ अदा करती हैं| हर एक औरत को पूरी कुरान मुँह जबानी याद नहीं होती है, ऐसे में जिस औरत को कुरान याद नहीं है वो कुरान मजीद की कोई भी सूरह पढ़ कर तरावीह की नमाज अदा कर सकती हैं| अधिकतर मर्द या औरतें अलम तारा कैफा से लेकर सुरह नास तक की सुरह को तरावीह की नमाज अदा करते समय पढ़ते हैं, इन सूरह को पढ़ने का सबसे बड़ा कारण शायद यह है की कुरान मजीद की छोटी सूरते हैं और अलम तारा से लेकर नास तक दस सूरतें हो जाती हैं, हर एक रकात में एक सुरह पढ़ने से 10 सुरह मुकम्मल हो जाती हैं|
औरतें को तरावीह की नमाज़ बैठ कर पढ़नी चाहिए या खड़े होकर
मुस्लिम औरते घर पर नमाज अदा करती है ऐसे में कुछ औरते ऐसी होती है जिन्हे किसी भी तरह की कोई परेशानी या बिमारी नहीं होती है और वो बैठ कर नमाज अदा करती है| बैठ कर नमाज पढ़ना बिलकुल गलत है, हर एक मर्द और औरत को नमाज खड़े होकर पढ़नी (taraweeh ki namaz ka tarika for ladies) चाहिए क्योंकि नमाज अदा करने एक सही तरीका खड़े होकर नमाज अदा करना होता है| हालाँकि अगर किसी भी मर्द या औरत को किसी भी प्रकार की शारीरिक परेशानी है या तबियत खराब है तो आप बैठ कर नमाज पढ़ सकते है|
तरावीह नमाज पढ़ने के फायदे – taraweeh ki fazilat
तरावीह की नमाज पढ़ने (namaz e taraweeh ka tarika) के फायदे बहुत सारे है, चलिए अब हम आपको तरावीह की नमाज पढ़ने की फजीलत के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है
1 – रमजान में पढ़ी जाने वाली तरावीह नमाज अदा करने से आपके गुनाह माफ हो जाते हैं|
2 – तरावीह की नमाज पढ़ने वाले को अल्लाह की रहमत मिलती है।
3 – जो भी मर्द या औरत तरावीह की नमाज अदा करती है तो उसे बहुत ज्यादा सवाब मिलता है।
4 – तरावीह की नमाज अदा करने से आपको सारी रात इबादत करने जितना सवाब मिलता है।
होम पेज | यहाँ क्लिक करें |
Also Read:
- Darood Sharif in Hindi & English
- Roza Kholne ki Dua Hindi Mein
- Dua E Qunoot
- Ziarat-E-Arbaeen
- Ziarat-E-Ale-Yaseen
- Ziarat-E-Ashura in Hindi