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रोज़ी में बरकत की दुआ और फ़ज़ीलत हिंदी में
हम इस पोस्ट में बात करेंगे रोज़ी की दुआ (Rozi mein barkat ki dua) के बारे में लेकिन उससे पहले हम देखेगे की इसकी फ़ज़ीलत क्या है. रसूलअल्लाह के फरमान को हर मुस्लमानो को अमल करना चाहिए जिसे जानने के लिए आपको पोस्ट को लास्ट तक ज़रूर पढ़े और दोस्तों के साथ भी शेयर करे.
रोज़ी में तंगी की वजह क्या है?
एक वक़्त था जब हमारे बड़े बुज़ुर्ग हमें किसी चीज़ पे मना करते थे तो हम उनकी की शिकायत बातो को मन कर देते थे की आज के ज़माने में यह सब को कौन मानता है.आज कल लोग गरीबी, रोज़ी में फ़िक्र और कर्ज़दारी से परेशान है. जो लोग झूठ और हराम कमाई से ज़िन्दगी गुज़ार रहे है उन्हें किसी चीज़ो की फ़िक्र नहीं होती लेकिन जो इंसान हलाल तरीके से पैसे कमाता है वो ज़िन्दगी भर अपने घर की ज़रूरतों को ही पूरा करता रहता है.लेकिन अल्लाह ने भी हर जानदार चीज़ के रिस्क की ज़िम्मेदारी ले रखी है तो फिर यह तंगी क्यों?
इस लिए हम आपको Rozi Me Barkat Ki Dua की कुछ रिवायतों से आपको समझाना चाहते है.
दुआओ में असर होता है-
कुछ ऐसे लोग है जिनको दुआओ से असर हो जाता है लेकिन कुछ लोगो के साथ दुआओ का असर नहीं होता। दोनों में बस फर्क यकीं न का है कुछ लोग यह सोच के दुआ पढ़ना छोड़ देते है लेकिन लोग कुछ अपना काम पूरा होने तक दुआ को पढ़ते रहते है. एक शख्स वाकिया है की एक शख्स बहुत परेशां था वो रोज़ी में बरकत की दुआ (Rozi me Barkat Ki Dua) को पढता रहा और इस अमल को करता रहा लेकिन उसे फायदा नहीं दिखा तो उसने इस अमल को छोड़ दिया.
Rozi mein Barkat ki Dua
रोज़ी में बरकत के लिए कई दुआएं मौजूद हैं लेकिन इनमें से एक बहुत ही मशहूर दुआ यह है:
हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद इसे पढ़ना है.
1. एक बार दुरूद शरीफ पढ़े या तीन बार भी पढ़ सकते है.
2. इसके बाद 7 मर्तबा सूरेह क़ुरैश (जो 30 वे पारे में मौजूद है )
Sureh Quraish In Hindi
बिस्मिल्लाहिर रेहमाने रहीम
ली ईलाफि कुरैश
ईलाफहीम रिहतश शिताई वस् सैफ
फ़ल यअबुदु रब्बा हाज़ल बैत
अल्लज़ी अत अ-महुम मिन जूअ
व आमन हुम् मिन खौफ
3. आखिर में भी दुरूद पढ़े
यह दुआ हमें याद दिलाती है कि रोज़ी अल्लाह की ज़रिये से ही मिलती है। हमें अपने हलाल कमाने और दूसरों पर देपेंद न रहने का ख्याल करना चाहिए।
Rozi Me Barkat Ki Wazifa के अलावा, हम ऐसी कई चीजें भी कर सकते हैं जो निचे दी गई है ताकि अल्लाह हमें रोज़ी में बरकत दे:
- हलाल कमाई : हमें हमेशा हलाल कमाई करना चाहिए इसमें बरकत भी है,
हराम कमाई से हमें कोई बरकत नहीं मिलेगी। - अपने कमाए हुए पैसे को बचाना: हमें हमेशा अपने कमाए हुए पैसे को बचाना चाहिए और फिजूलखर्ची से बचना
चाहिए। - खैरात करना: हमें खैरात करनी चाहिए ताकि अल्लाह हमें रोज़ी में बरकत दे।
- अल्लाह पर भरोसा रखना: हमें हमेशा अल्लाह पर भरोसा रखना चाहिए और उससे दुआ करना चाहिए कि वह हमें
रोज़ी में बरकत दे।
अगर हम इन सब बातों का ख्याल रखे तो अल्लाह हमारी Rozi Me Barkat देगा और हमें किसी भी चीज़ की कमी नहीं होगी।
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