Preparation Lab

Prepare for Jannah

Surah Nuh in Hindi – Hazrat Nuh Ka Waqiya

सूरेह नूह बहुत ही मशहूर सूरेह है.इस सूरेह में शुरू से आख़िर तक हज़रत नूह का ज़िकर हुआ है. सूरेह नूह के बहुत फायदे है इसको पढ़ने से ईमान में बरकत होती है. इसे पढ़ने से दुश्मनो से छुटकारा मिलता है. Surah Nuh in Hindi – सूरेह नूह के बारे में जानने के लिए पोस्ट को पूरा पढ़े.

Contents

Surah Nuh In Hindi – सूरेह नूह कैसे हमारे जीवन में मदद कर सकती है:

रहनुमाई : सूरह नूह हमारी रूहानी और एखलाकि रहनुमाई करती है. ताकि हम ज़्यादा सखी और अच्छी ज़िन्दगी गुज़र सके.

लगन और ईमान : नूह (अलैहिस्सलाम) की अक़ीदती कहानी हमें खुदा पर मुक़म्मल ईमान और इसके अकीदत सीखने का एक खास मौका देती है.

सूरेह नूह की ख़ुसूसियत

  • सूरेह नूह मक्का में नाज़िल हुई है.
  • इसमें 28 आयतें है.
  • यह सूरेह 29 पारे में है.

Surah Nuh In Hindi – सूरेह नूह के बारे में मौज़ूआत –

इस्लाम के मशहूर मौलाना सैयद अबुल आला मौदूदी लिखते हैं कि इसमें हज़रत नूह (अलै.) का क़िस्सा सिर्फ पढ़ने के लिए बयान नहीं किया गया है, बल्कि इससे बयां करने से मक्का के काफ़िरों (इनकार करने वालों) को सावधान करना है कि तुम मुहम्मद (सल्ल.) के साथ वही सियासत अपना रहे हो जो हज़रत नूह (अलै.) के साथ उनके लोगों ने अपनाई थीं। अगर तुम इस सियासत को अपनाओगे तो तुम्हे भी वही नतीजा देखने को मिलेगा जो उन लोगों ने देखा था.

Sureh Nuh In Hindi – सूरेह नूह की पहली आयत में बताया गया है कि हज़रत नूह (अलै.) को जब अल्लाह ने पैग़म्बरी के ओहदे पर जब पहुंचाया गया था तब उस वक़्त उन्हें क्या क्या ज़िम्मेदारिया सौपी गई थी.

सूरेह नूह की आयत 2 से 4 तक में पूरा अच्छे से यह बताया गया है कि उन्होंने अपने कल का आगाज़ किस तरह किया और अपनी ज़ात के लोगों के सामने क्या बात रखी।

Also Rad: Surah Waqiah in Hindi

Surah Nuh In Hindi – सूरेह नूह हिंदी में

बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम

1. इन्ना अर् सलना नूहन् इला कौमिही’ अन् अन्ज़िर क़ौ-म-क मिन् क़ब्लि अय्यंअ्ति-यहुम् अज़ाबुन् अलीम

2. क़ा-ल या क़ौमि इन्नी लकुम् नज़ीरूम् मुबीन

3. अनिअ्बुदुल्ला-ह वत्त्कूहु व अतीअून

4. यग्फिर् लकुम् मिन् जुनूबिकुम् व यु-अख्खिर् कुम् इला’अ-जलिम् मुसम्मन् इन्-न अ-ज-लल्लाहि इज़ा जा-अ ला यु-अख्खरु’लौ कुन्तुम् तअ्लमून

5. क़ा-ल रब्बि इन्नी दऔतु क़ौमी लैलंव् व नहारन्

6. फ़-लम् यज़िद्हुम् दुआइ’ इल्ला फ़िरारा

7. व इन्नी कुल्लमा दऔतुहुम् लितग़्फ़ि-र लहुम् असा़बि-अ़हुम् फ़ी आज़ानिहिम् वस्तग़्शौ सि़या-बहुम् व अस़र्रू वस्तक्बरुस्तिक्बारा

8. सुम्-म इन्नी दऔतुहुम् जिहारन्

9. सुम्-म इन्नी अअ्लन्तु लहुम् व अस्-रर्तु लहुम् इस्रारा

10. फ़कुल्तुस्तग्फ़िरू रब्बकुम्, इन्नहू का-न ग़फ्फ़ारंय्

11. युर्सिलिस् समाँ-अ अ़लैकुम् मिद् रारंव्

12. व युम्दिद्कुम् बि-अम्वालिंव् व बनी-न व यज्अ़ल् लकुम् जन्नातिंव व यज्अ़ल् लकुम् अन्हारा

13. मा लकुम् ला तर्जु-न लिल्लाहि वक़ारा

14. व क़द् ख़-ल-क़कुम् अत्वारा

15. अ-लम् तरौ कै-फ़ ख़-ल-क़ल्लाहु सब्-अ़ समावातिन् ति़बाक़ंव्

16. व ज-अ़-लल् क़-म-र फ़ीहिन्-न नूरंव् व ज-अ़-लश् शम्-स सिराजा

17. वल्लाहु अम्ब-तकुम् मिनल्अर्ज़ि नबाता

18. सुम्-म युअी़दुकुम् फ़ीहा व युख् रिजुकुम् इख्’राजा

19. वल्लाहु ज-अ़-ल लकुमुल् अर्-ज़ बिसाता़

20. लितस्लुकू मिन्हा सुबुलन् फ़िजाजा

21. क़ा-ल नूहुर्र्ब्बि इन्नहुम् अ़सौ़नी वत्त-बअ़ु मल्लम् यजिद्हु मालुहू व व -लदुहू इल्ला ख़सारा

22. व माँ-करू मक्’रन् कुब्बारा

23. व क़ालू ला त-ज़रून्-न आलि-ह-तकुम् व ला त-ज़रून्-न वद्’दंव् व ला सुवाअंव्’व ला यगू़-स़ व यऊ-क़ व नस् रा

24. व क़द् अज़ल्लू कसी़रन्ँव् ला तज़िदिज्ज़ालिमी-न इल्ला ज़लाला

25. मिम्मा ख़ती’आतिहिम् उग्रिक़ू फ़उद्ख़िलू नारन् फ़-लम् यजिदू लहुम् मिन् दूनिल्लाहि अन्सा़रा

26. व क़ा-ल नूहुर्र्ब्बि ल़ा त-ज़र् अ़लल्अर्जि़ मिनल् काफ़िरी-न दय्यारा

27. इन्न-क इन्’त-जर्हुम् युज़िल्लू अ़िबा-द-क व ला यलिदू इल्ला फ़ाजिरऩ् कफ़्फ़ारा

28. रब्बिग़्फ़िर्ली व लिवालिदय्-य व लिमन् द-ख़-ल बैति-य मुअ्मिनंव व लिल्मुअ्मिनी-न वल्मुअ्मिनाति’व ला तज़िदिज्ज़ालिमी-न इल्ला तबारा

इस ब्लॉग पोस्ट के ज़रिये से, हम सूरह नूह के पैगामों को समझेंगे और उन्हें अपने ज़िन्दगी में दाखिल करने के लिए कैसे लागु कर सकते है. Sureh Nuh In Hindi – सूरेह नूह से हमें सच्चे ईमान की एहम बात बताई गई है.

Also Read: Surah Muzammil in Hindi

Hazrat Nuh Ka Waqiya- हज़रत नूह अलैहिस्सलाम का वाक्या

शुरू करता हु अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान रहम वाला है.

हज़रत नूह का तजकिरा क़ुरआन मजीद में 42 जगह आया है, हज़रत आदम की औलाद दुनिया में आहिस्ता आहिस्ता से बढ़ी लेकिन ये ख़ुदा को भूलते गए जिसने उसे पैदा किया था, वो खुदा जो उनका पालने वाला है, और शैतान के बहकाने में आने लगे जिसने हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को जन्नत से निकलवा दिया था, शैतान के बहकाए में आकर वो लोग सब कुछ भूल गए और बूतों और आग, सूरज वगैरह को पूजने लगे और एक ख़ुदा के बजाए कई तरह के खुदा को मानने लगे. और मिट्टी और पत्थर के बहुत से ख़ुदा बना लिए, अपने हाथ से अपना खुदा बनाते और फिर उनसे ही मांगते, हालांकि ये मिट्टी और पत्थर के लिए भी कुछ न कर सकते थे, उनके लिए क्या करते. अल्लाह अपने बन्दों से बड़ी मुहब्बत रखता है इस लिए अल्लाह को कभी गंवारा नहीं कि उसके बन्दे शैतान के बहकाए में आकर अल्लाह के अलावा किसी और की इबादत करने लगे और फिर दोज़क की आग में जल जाए.

अल्लाह पाक ने हज़रत नूह अलैहिस्सलाम को अपना नबी बना कर भेजा,क्योकि उस ज़माने में लोगों की उमरें बहुत तुलानी (बड़ी-बड़ी) होती थीं, हज़रत नूह अलैहिस्सलाम साढ़े नौ सौ साल तक अपनी कौम में इसलेहा करते रहे कि ऐ लोगो! सिर्फ अपने अल्लाह की इबादत करो, और मेरा कहा मानो, वो तुम्हारे गुनाह बख़्श देगा,लेकिन लोगों ने हज़रत नूह अलैहिस्स्लाम की बातों को न माना और अपने कानों में उंगलियां डालदी, और कपड़े ओढ़ लिए ताकि हज़रत नूह अलैहिस्सलाम की आवाज़ कानों तक न पहुंचे, और उनकी बातो को न मानने की ठान लिए. लेकिन हज़रत नूह अलैहिस्सलाम ने हिम्मत न हारी वो बराबर समझाते रहे और लोगो को अल्लाह की तरफ रुझान करने को कहने लगे और कहते रहे ऐ लोगो अल्लाह से मुआफ़ी मांगो, वह बड़ा मुआफ करने वाला है, वह तुम्हे नेमतों से भर देगा और तुम पर आसमान से बारिश बरसाएगा ताकि तुम ज़्यादा से ज़्यादा अनाज पैदा कर सको, और उसके जरीए से बड़े-बड़े बाग़ पैदा कर देगा, खाली ज़मीनो में नहरें पैदा कर देगा, तुम्हें माल व दौलत देगा और बेटे देगा, तुम्हें क्या हो गया है कि तुम ख़ुदा को नहीं मानते?

हालांकि उसने दुनिया बनाया आसमान बनाए, चांद और सूरज बनाए, उसने तुम को मिट्टी में पैदा किया और फिर एक दिन ऐसा आएगा जब तुम सब कुछ छोड़ के इसी मिट्टी में एक दिन तुम मिल जाओगे, और फिर कियामत के दिन उसी मिट्टी से तुमको दोबारा जिन्दा करेगा लेकिन लोगों ने अपने बुतों को नहीं छोड़ा, और हज़रत नूह से कहने लगे कि हम अपने बुतों को हरगिज़ न छोड़ेंगे, और हम तो तुम को अपने जैसा आदमी ही देखते हैं और तुम्हारा कहना भी सिर्फ चंद ग़रीब लोगों ने माना लेकिन हम तो तुम को झूठा ही समझते हैं। हज़रत नूह अलैहिम्सलाम ने कहा कि ऐ मेरी कौम के लोगो मैं तुमको जो नसीहत करता हूं उसके बदले में तुम से कोई माल व दौलत नहीं चाहता हु और जो गरीब आदमी मुसलमान हुए हैं, और अल्लाह पर ईमान लाए हैं उनको मैं अपने पास से तुम्हारे कहने से निकालूंगा नहीं, अगर मैं उनको अपने पास से निकाल दूं तो ख़ुदा के अज़ाब से मुझे कौन बचाएगा ?

अगर मैं ऐसा करूंगा तो बहुत नाइंसाफी हो जाएगी फिर उनकी क़ौम के लोगों ने कहा ऐ नूह तुमने हमसे बहुत झगड़ा कर लिया, अगर तुम सच्चे हो तो जिस अज़ाब से तुम हम को डराते हो वो ले आओ, हज़रत नूह अलैहिम्सलाम ने कहा कि जब अल्लाह चाहेंगे अज़ाब ले आएंगे।

फिर एक दिन अल्लाह तआला ने हज़रत नूह अलैहिम्म्लाम को बही के जरीए से हुक्म भेजा, कि तुम्हारी कौम में जो लोग ईमान ला चुके हैं, उनके आलावा और कोई ईमान न लाएगा इस लिए तुम ग़म न करो, बस तुम एक किश्ती बनाओ, हज़रत नूहं अलैहिम्सलाम ने ख़ुदा के हुक्म के मुताबिक किश्ती बनाना शुरू की,
जब भी उनकी कौम के सरदार उनके पास से गुजरते तो उनको किश्ती बनाते हुए देखते तो उनका मजाक उड़ाते लेकिन हज़रत नूह अलैहिम्सलाम उनके मज़ाक के जवाब में कहते कि आज तुम मज़ाक कर लो लेकिन कल जब तुम्हारे ऊपर अज़ाब आएगा तो उस वक्त हम तुम्हारा मजाक उड़ाएंगे, आखिर अल्लाह तआला का अज़ाब उसके वादे के मुताबिक आया, फिर ज़मीन से पानी निकलना शुरू हुआ और आसमान से बारिश आनी शुरू हुई, अल्लाह तआला ने हज़रत नूह अलैहिस्सलाम को हुक्म दिया कि सब जानवरों का एक-एक जोड़ा किश्ती में सवार कर लो, और जो लोग तुम्हारे ऊपर ईमान लाए हैं यानी मुसलमान हो गए हैं, उनको भी सवार कर लो,
हज़रत नूह अलैहिस्सलाम ने उस किश्ती में सवार होने वालों से कहा कि आओ और अल्लाह तआला का नाम ले कर इस किश्ती में सवार हो जाओ क्योंकि इस कश्ती का चलना और ठहरना उसी के हाथ में है, अल्लाह तआला बड़ा बख़्शने वाला है।

किश्ती उन सब को ले कर लहरों में चलने लगी तो उस वक़्त हज़रत नूह अलैहिस्सलाम ने अपने बेटे से कहा, ऐ बेटा हमारे साथ सवार हो जाओ, और काफिरों के साथ मत दो, लेकिन ईनका बेटा नहीं माना और कहने लगा की मैं किसी पहाड़ पर चढ़ जाऊंगा, और वो पानी से बचा लेगा। हज़रत नूह अलैहिस्सलाम ने कहा, लेकिन आज खुदा के अज़ाब से सिवाए खुदा के कोई बचाने वाला नहीं, इतने में दोनों के दरमियान एक पानी की लहर उठी और वो डूब गया, फिर ख़ुदा तआला ने ज़मीन को हुक्म दिया कि अपना पानी निगल जा और आसमान को भी हुक्म दिया कि पानी बरसाना बन्द कर दिया अल्लाह के हुकम से पानी ख़ुश्क हो गया और तमाम काफिर दुनिया में ख़त्म कर दिए गए,

हज़रत नूह अलैहिस्सलाम की किश्ती कोहे जूदी पर ठहरी, हज़रत नूह अलैहिस्सलाम ने अपने परवरदिगार से फरियाद की और अर्ज़ किया कि ऐ मेरे रब मेरा बेटा भी मेरे घर वालों में से है, तू उसे बचा ले. तो खुदावन्द तआला ने फ़रमाया ,
कि ऐ नूह तेरा बेटा तेरे घर वालों में से नहीं था, क्योंकि उसके अमल अच्छे नहीं थे, मैं तुझ को नसीहत करता हूं कि ऐसी बात न कर जो तेरे इल्म में नहीं इसलिए कि कनआन अल्लाह के इल्म अज़ली में काफ़िर था, और यह बात नूह अलैहिस्सलाम के इल्म में न थी हज़रत नूह अलैहिस्सलाम ने उसी वक़्त अल्लाह पाक से तौबा की और अपने कही हुई बातो की मुआफी मांगी, अल्लाह माफ़ करने वाला है,इस लिए उन्होंने ने उनको मुआफ कर दिया और हुक्म दिया कि ऐ नूह हमारी तरफ से सलामती और बरकतों के साथ उतर जा.

इसके बाद हज़रत नूह अलैहिस्सलाम के ज़रिये से और उनकी उम्मत से दुनिया बसी और आहिस्ता आहिस्ता उनके बाल बच्चे आबाद होते गए, ये सब लोग खुदा तआला की इताअत करते रहे, ज़माना गुज़रता गया और एक वक़्त आया जब आहिस्ता-आहिस्ता शैतान ने फिर बहकाना शुरू किया तो ये लोग खुदावन्द तआला को भूलने लगे।

Hazrat Nuh a.s Ka Waqiya Video

 

सबक
हज़रत नूह अलैहिस्सलाम जो अल्लाह तआला के इतने बड़े पैग़म्बर थे, अपने बेटे को उसके बुरे कामों की वजह से अल्लाह तआला के अज़ाब से न बचा सके, इसी तरह अगर हमारा अमल अच्छा न हो और हमारे मां-बाप अल्लाह के कितने ही वली क्यों न हों तो वो हम को अल्लाह तआला के अज़ाब से न बचा सकेंगे
इस लिए हमें कभी भी अपने बुजुर्गों के नेक अमल का सहारा नहीं लेना चाहिए, बल्कि हमें अल्लाह और उनके भेजे हुए रसूल के बताए हुए रास्ते पर चलना चाहिए.

Also Read: 

Updated: नवम्बर 26, 2023 — 9:52 पूर्वाह्न

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Preparation Lab 2023 Preparation Lab